भोपाल
प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में रहने वाले परिवार में किसी की मृत्यु पर उस परिवार की तत्काल जो मदद पंचायत सचिव कर सकता है वह क्षेत्र का विधायक भी नहीं कर सकता। राज्य सरकार ने पंचायत सचिव को अंत्येष्टि सहायता के लिए मृतक के परिजनों को बिना आवेदन पांच हजार रुपए तक की मदद देने के अधिकार दे रखे है लेकिन क्षेत्र के विधायक को नगद राशि देने का कोई अधिकार नहीं है। वे ऐसे मामलों में मदद के लिए कलेक्टर पर निर्भर है।
आमतौर पर जनप्रतिनिधि से आम जनता सीधे जुड़ी होती है। क्षेत्रीय विधायक से आमजन की अपेक्षा होती है कि वह उनकी सबसे पहले मदद करेंगे। सरकारी सिस्टम, लेटलतीफी से बचते हुए उन्हें तत्काल मदद करेंगे लेकिन नियम-प्रक्रियाओं के चलते यह संभव नहीं हो पाता है। ग्रामीण क्षेत्र में किसी परिवार में किसी सदस्य की मौत होंने पर पंचायत सचिव के पास पावर होते है कि वह मृतक के परिजन से बिना किसी आवेदन का इंतजार किए सीधे उसके घर जाकर भी पांच हजार रुपए नगद दे सकता है। वहीं इस तरह के मामलों में विधायक को मदद करने के लिए कलेक्टर को अनुशंसा करना पड़ता है।
कलेक्टर ऐसे मामलों में विधायक की अनुशंसा का परीक्षण करवाने के बाद मदद करते है। इसी तरह किसी ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में खराब पड़े किसी हेंडपंप की मरम्मत करवाने के पावर विधायक को नहीं है। वह चाहे तो नया हेंडपंप खुदवाने के लिए अनुशंसा कर सकते है। इसके चलते तीन हजार में ठीक होने वाले हेंडपंप की मरम्मत नहीं हो पाती और कई बार पुराने हेंडपंप की जगह पास में ही नया हेंडपंप खुदवाना पड़ता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में किसी रिहायशी बस्ती के उपर से गुजर रही बिजली की लाइनों को शिफ्ट कराने के लिए विधायक को मदद करने का नियमों में प्रावधान नहीं है। विधानसभा क्षेत्र में यदि कोई स्कूल स्कूल शिक्षा विभाग की मद से निर्मित हुआ है तो पचास हजार रुपए खर्च कर उसकी मरम्मत कराने का पावर विधायक को नहीं है। विधायक चाहे तो नवीन कक्षों का निर्माण करवा सकते है लेकिन पुराने कक्ष की मरम्मत कराने का उन्हें अधिकार नहीं है। इसी तरह किसी बीमार व्यक्ति को एंबूलेंस से अस्पताल या उसके घर पहुंचाने के लिए राशि खर्च करने के अधिकार भी विधायक के पास नहीं है। सालों से चले आ रहे नियम-प्रक्रियाओं के चलते विधायक आमजन की चाहकर भी मदद नहीं कर पा रहे है।
इनका कहना
विधायक आमजन की ज्यादा मदद कर सके इसके लिए हम नियमों में किस तरह के बदलाव किए जाने है इस पर समग्र विचार कर हम सरकार को अनुशंसा करेंगे।
गिरीश गौतम, विधानसभा अध्यक्ष