भोपाल/इंदौर
स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर शनिवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पातालपानी में उनकी विशाल कांस्य प्रतिमा का अनावरण कर उन्हें नमन किया। उन्होंने क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या भील मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की और पौधरोपण किया। इसके बाद इंदौर के नेहरू स्टेडियम में आयोजित मुख्य आयोजन में टंट्या मामा के वंशजों का सम्मान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और राज्यपाल आज सुबह सबसे पहले पातालपानी पहुंचे। यहां टंट्या मामा की दस फिट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण करने के बाद उन्होने टंट्या भील मदिर पहुंचकर पूजा की। इसके बाद एक सभा को संबोधित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि टंट्या मामा के जन्मदिवस को आज बलिदान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। पातालापानी के आयोजन के बाद मुख्यमंत्री इंदौर के नेहरु स्टेडियम में मुख्य समरोह में शामिल हुए। यहां इंदौर के नेहरू स्टेडियम में आज बलिदान दिवस के मौके पर आदिवासी संस्कृति से जुड़े नृत्य और सांस्कृतिक आयोजन भी किए जा रहे हैं।
नेहरू स्टेडियम में मुख्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में शिवराज सिंह चौहान, जनजातीय कार्य एवं अनूसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह मांडवे, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, इंदौर के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जलसंसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट सहित कई जनप्रतिनिधि, भाजपा नेता, गणमान्य नागरिक मौजूद है। टंट्या मामा के बलिदान दिवस के पूर्व खंडवा जिले के बड़ौद अहिर और रतलाम जिले से निकली दो गौरव यात्राएं कल देर शाम इंदौर के रजवाड़ा पहुंची। सुबह नौ बजे ये यात्राएं नेहरू स्टेडियम से प्रारंभ होकर भवरकुंआ चौराहे की ओर रवाना हुई। चौराहे का नामकरण टंट्या भील के नाम पर किया जा रहा है। यहीं से पांच हजार बाइक्स की रैली भी निकाली जाएगी।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, मातृभूमि की स्वतंत्रता और अपनी संस्कृति एवं परंपराओं की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले जनजातीय नायक मामा टंट्या भील जी के बलिदान दिवस पर उनके चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने लिखा, जननायक और अमर क्रांतिकारी भगवान टंट्या भील को उनके बलिदान दिवस पर कोटिश: नमन।मातृभूमि की स्वाधीनता के लिए उनका सर्वोच्च बलिदान, संघर्ष और राष्ट्रप्रेम की अनूठी मिसाल है।