भोपाल। दीपावली के मौके पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की नजर केवल शहर पर ही नहीं बल्कि यहां पर प्रदूषण फैलाने वाली निगम की गाड़ियों पर भी है। हालत यह है कि निगम के टैंकर, डंपर, जेसीबी मशीन समेत बड़ी 500 गाड़ियों से सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है, लेकिन सरकारी गाड़ियों के नाम पर इनका फिटनेस जरूरी नहीं किया गया है। इसी वजह से आरटीओ ने अब तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं की है। दो साल पहले इन गाड़ियों से निकल रहे धुएं पर रोक लगाने के लिये इन गाड़ियों का फिटनेस और पीयूसी सर्टिफिकेट लेने की कार्यवाही शुरू हुई थी लेकिन वह पूरी नहीं हो पाई थी।
लो फ्लोर बसें भी पीछे नहीं
हालत यह है कि इस समय मेंटेनेंस पर मोटी रकम खर्च करने के बाद भी शहर में सबसे ज्यादा प्रदूषण निगम के टैंकर और डम्पर आदि फैलाते हैं। इनकी आवाज भी तय मानकों से ज्यादा है। यही हाल बीसीएलएल की बसों का है। निगम में डीजल और पेट्रोल पर 21 करोड़ रुपए व्यय किए जाते हैं। यानी निगम में कोई भी गाड़ी हो, जितनी रकम पेट्रोल पर खर्च होती है, उतना ही मेंटेनेंस पर भी, पर इस तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया है।