Tuesday, February 11

शिवसेना महाराष्ट्र के बाहर पहली बार जीती, दादर और नागर हवेली में जीत पर बोले राउत- इसकी बहुत जरुरत थी

शिवसेना महाराष्ट्र के बाहर पहली बार जीती, दादर और नागर हवेली में जीत पर बोले राउत- इसकी बहुत जरुरत थी


मुंबई
शिवसेना ने पहली बार महाराष्ट्र से बाहर लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है। शनिवार को हुए उप-चुनाव के नतीजे मंगलवार को आए। शिवसेना ने पहली बार दादर और नागर हवेली में लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है। इस सीट पर शिवसेना की प्रत्यासी कालाबेन डेलकर की जीत हुई है। पूर्व सांसद (स्वर्गीय)मोहन देलकर की पत्नी ने भाजपा के प्रत्याशी महेश गवित को 50,000 से ज्यादा वोटों से हराकर जीत हासिल की है। पार्टी के अंदरखाने यह भी कहा जा रहा है कि इस जीत के आर्किटेक कोई और नहीं बल्कि संजय राउत हैं। संजय राउत ने कालाबेन डेलकर को शिवसेना में शामिल कराया। वो भी तब जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और बीजेपी दोनों ही इस उप-चुनाव में कालाबेन डेलकर को अपने साथ लाने की कोशिशों में जुटे हुए थे। संजय राउत ने दादर और नागर हवेली लोकसभा सीट पर मिली इस जीत को ऐतिहासिक करार दिया है। राउत ने एक ट्वीट में कहा, 'महाराष्ट्र से बाहर पहला कदम, दादर और नागर हवेल की तरफ से दिल्ली की ओर'
 
लोकसभा में अभी शिवसेना के 19 सांसद हैं। पार्टी अपनी ताकत बढ़ाने के लिए लगातार अलग-अलग विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों में हिस्सा ले रही है लेकिन महाराष्ट्र के बाहर वो जीत के लिए लगातार तरस रही थी। यह निश्चित तौर से हमारे लिए ऐतिहासिक जीत थी। हमने यहां (महाराष्ट्र) में कई चुनाव जीते हैं। हमनें संसदीय चुनाव जीते..राज्य के अंदर हमने सरकार भी बनाई थी…लेकिन कई कोशिशों के बावजूद राज्य से बाहर जीतना हमारे लिए हमेशा ही मुश्किल भरा रहा है। हम एक जीत की तलाश में थे।' संजय राउत ने कहा कि शिवसेना ने इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए सात बार के सांसद मोहन देलकर की विरासत और इस सीट पर बीजेपी के खिलाफ जनता के गुस्से का इस्तेमाल किया। डेलकर को पार्टी में शामिल करने को लेकर संजय राउत ने कहा कि उन्होंने उन्हें पार्टी ज्वाइन करने के लिए राजी किया। शिवसेना के एक कार्यकर्ता ने कहा, 'दादर और नागर हवेली में जीत की कहानी लिखने वाले राउत ही हैं। कालाबेन और उनके बेटे अभिनव को शिवसेना में लाने में वो सहायक थे। यह जीत का श्रेय मुख्य तौर से राउत को जाता है।' इस लोकसभा सीट पर सांसद मोहन डेलकर के निधन के बाद उप-चुनाव कराया गया है। वो यहां से निर्दलीय सांसद थे। इस सीट पर उप-चुनाव 30 अक्टूबर को हुए। डेलकर के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने फरवरी के महीने में मुंबई के एक होटल में आत्महत्या कर ली थी। उनके निधन के बाद एक कथित सुसाइड नोट भी बरामद किया गया था। इसमें उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसमें एडमिनिस्ट्रेटर प्रफुल पटेल का नाम भी शामिल था।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *