भोपाल
पुलिस कमिश्नर प्रणाली (Police commissioner system) को लेकर इंतजार खत्म हो गया है, जल्द ही इसे एमपी के दो बड़े शहरों में लागू किया जाएगा। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (MP Home Minister Narottam Mishra) ने कहा है कि भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली जल्द ही लागू कर दी जाएगी।इसके ड्राफ्ट को गृह विभाग, विधि विभाग और वित्त विभाग ने अपनी स्वीकृति दे दी है और अब जल्द ही यह मूर्त रूप में आ जाएगी।
इसके साथ ही गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) कार्यकर्ता आधारित और संगठनात्मक रूप से समृद्ध पार्टी है। हमारे यहां संगठन ही प्रमुख होता है।भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय कार्यसमिति, प्रदेश कार्यसमिति, जिला कार्यसमिति,मंडल कार्यसमिति की बैठक तय कार्यक्रम के अनुसार ही होती है।देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) जी ने संविधान दिवस मनाने का निर्णय लेकर बाबा साहब जी को सच्ची श्रदांजलि दी है।संविधान दिवस के कार्यक्रमों का बहिष्कार कर कांग्रेस बाबा साहब अंबेडकर जी का अपमान कर रही है।
बता दे कि इससे पहले नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि एक हफ्ते के अंदर इसे लागू करने की तैयारी है। इसी महीने से भोपाल इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की जाएगी।इसमें गृह विभाग के द्वारा जो भी धाराएं और नियम है, उसमें संशोधन कर रहे है, वही नगर निगम के अंतर्गत आने वाले थाने इसमें रहेंगे। इसमें अलग अलग स्तर पर पुलिस को नियुक्त किया जाएगा।इसे कैबिनेट बैठक और मप्र विधानसभा में ले जाने की जरूरत नहीं है। नोटिफिकेशन के जरिए ही एक्ट संशोधन करके इसे लागू किया जाएगा।
पुलिस कमिश्नर प्रणाली एक नजर में…
- जिस दिन नोटिफिकेशन जारी होंगे, उसी दिन इस प्रणाली के तहत पुलिस अफसरों की नियुक्ति कर दी जाएगी।
- भोपाल और इंदौर दोनों जगह अलग-अलग पुलिस आयुक्त रहेंगे।
- तीन अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, आठ उपायुक्त, 12 अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और 19 सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।इस तरह करीब 43 अफसरों का स्टॉफ रहेगा।
- एरिया नोटिफिकेशन के तहत शहरी पुलिस थाना क्षेत्र में यह प्रणाली लागू हेागी। इसमें नगर निगम सीमा के सभी पुलिस थाने रहेंगे।
- इसके अलावा देहात के थानों को बाहर रखा जाएगा, लेकिन जिन पुलिस थानों के क्षेत्र में देहात और शहरी क्षेत्र दोनों शामिल रहेंगे, उन्हें भी प्रणाली में शामिल रखा जाएगा। यानी जिन पुलिस थानों का पूरा क्षेत्र देहात हैं, वो ही इससे बाहर रहेंगे।