ताइपे
चीन की चेतावनी के बावजूद स्लोवाकिया का एक राजनयिक प्रतिनिधिमंडल ताइवान पहुंचा है। 43 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 5 दिसंबर को ताइवान पहुंचा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्य यूरोपीय देश ताइवान के बढ़ते खतरे के बीच ताइवान के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित कर रहे हैं। बता दें कि ताइवान और स्लोवाकिया के बीच आधिकारिक तौर पर कोई संबंध नहीं हैं। हालांकि दोनों देशों ने प्रतिनिधि कार्यालय खोला हुआ है। हाल ही में स्लोवाकिया के डिप्टी इकॉनमिक मंत्री करोल गलेक भी ताइवान पहुंचे थे। उन्होंने कहा था कि स्लोवाकिया, ताइवान का समर्थन करता है और दोनों पक्ष ट्रेड और इकॉनमी संबंधों के साथ हर तरह से संबंधों को बढ़ाना चाहते हैं।
स्लोवाकिया के मंत्री और राजनयिकों का यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब चीन और ताइवान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। चीन ने लगातार ताइवान पर अपनी संप्रभुता का दावा किया है और ताइवान में सैन्य घुसपैठ में बढ़ोतरी की है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ताइवान को जोड़कर चीन के एकीकरण की बात कही थी। उन्होंने ताइवान की आजादी के किसी भी कोशिश को खत्म करने की बात कही थी। स्लोवाकिया के साथ ही लिथुआनिया ने भी हाल के महीनों में ताइवान से अपने संबंध बढ़ाए हैं। चीन ने ताइवान को लिथुआनिया में दूतावास न खोलने और लिथुआनिया से संबंध न बनाने की चेतावनी दी थी। लेकिन ताइवान ने चीन के कड़े विरोध को खारिज करते हुए लिथुआनिया में अपना दूतावास खोल लिया है जिससे चीन भड़का हुआ है। अमेरिका और यूरोपीय देश ताइवान ऑफिस को लेकर ताइपे नाम का इस्तेमाल करते रहे हैं। चीन ने अन्य देशों को ताइवान के साथ अपनी बातचीत को सीमित करने या उसे पूरी तरह से काटने के लिए कोशिश तेज कर दी है। बता दें कि ताइवान के सिर्फ 15 देशों के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध हैं।