Monday, September 16

अब तक शीशा कारोबारी मर्डर केस की गुत्‍थी अनसुलझी, डीएनए जांच से दो संदिग्‍धों के बारे में मिले संकेत

अब तक शीशा कारोबारी मर्डर केस की गुत्‍थी अनसुलझी, डीएनए जांच से दो संदिग्‍धों के बारे में मिले संकेत


पटना
शीशा कारोबारी राजू जायसवाल की हत्या की गुत्थी भले ही सुलझी न हो पर कत्ल के दो संदिग्धों के लिए राहत भरी खबर है। हत्याकांड में संदिग्ध के तौर पर पुलिस के रडार पर आए मंगल चौधरी और अभिषेक कुमार के कपड़ों से मिले खून के जिस नमूने ने उन्हें शक के दायरे में ला दिया था, वहीं उनके बेकसूर होने की गवाही दे रहे हैं। दोनों निर्दोष हैं या नहीं इसको लेकर भले ही पुलिसिया तफ्तीश जारी रह सकती है पर फोरेंसिंक साइंस लैबोरेट्री की रिपोर्ट से उन्हें राहत मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। चौक थाना क्षेत्र में शीशा कारोबारी राजू जायसवाल की उनके फैक्ट्री में हत्या सितम्बर के आखिर में हुई थी। इस संबंध में 30 सितम्बर को चौक थाना कांड संख्या 382/21 दर्ज की गई। पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया और केस को सुलझाने के लिए एफएसएल की भी मदद ली। घटनास्थल से खून लगे चाकू और दूसरे सामान से खून का नमूना इकट्ठा किया। पुलिस ने असपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की और संदिग्ध के तौर पर कइयों से पूछताछ की। इन्हीं में मंगल चौधरी और अभिषेक कुमार भी थे। दोनों को पूछताछ के लिए लाया गया।

महज तीन दिन में पूरी की गई डीएनए जांच
एफएसएल के डीएनए लैब से जुड़े वैज्ञानिकों ने काफी मेहनत की। कपड़ों से खून का सैंपल निकालने के बाद डीएनए आइसोलेशन का काम शुरू किया। तीन दिनों की दिन-रात की मेहनत के बाद सभी सैंपल का डीएनए प्रोफाइल जेनरेट हुआ। घटनास्थल से मिले खून के सैंपल और संदिग्ध मंगल और अभिषेक के कपड़ों से लिए गए खून के नमूनों का डीएनए प्रोफाइल मैच नहीं हुआ। यानी जिन सैंपलों की डीएनए की गई वह एक व्यक्ति के खून नहीं थे बल्कि वह अलग-अलग लोगों के थे।

पटना पुलिस को मिली है रिपोर्ट
डीएनए रिपोर्ट पटना पुलिस को मिल चुकी है। हालांकि, चौक के थानेदार गौरी शंकर गुप्ता ने इस बाबत कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अनुसंधान जारी है लिहाजा वह इस बाबत कोई जानकारी नहीं दे सकते।

मंगल के गमछे और अभिषेक के टी-शर्ट पर मिला था खून
पूछताछ के लिए लाए गए मंगल चौधरी के गमछा और अभिषेक के टी-शर्ट पर खून जैसा कुछ धब्बा दिखने के बाद पुलिस ने गमछा और टी-शर्ट की डीएनए जांच कराने का फैसला लिया। चूंकि एफएसएल के पास घटनास्थल से मृतक के खून के धब्बे मौजूद थे लिहाजा पुलिस को उम्मीद थी कि कपड़ों से मिले खून के धब्बे उससे मैच हुए तो हत्या में शामिल होने का साक्ष्य मिल जाएगा। गमछा, धुला हुआ था बावजूद उससे और टी-शर्ट से वैज्ञानिकों ने कपड़ों से ब्लड सैंपल इकट्ठा किया।

 

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