भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आचार्य भगवन केवल जैन धर्म के नहीं सब धर्मों के हैं। वे राष्ट्रीय संत हैं। आत्म-निर्भरता के प्रेरक हैं। आयुर्वेद के लिए समर्पित है। हमारा आयुर्वेद, हमारा योग दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। जो इनके लिए काम करता है उनसे बड़ा शिक्षक कौन हो सकता है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि हम सबको जैन बनने का प्रयास करना चाहिए। जो अपने आप को जीते वह महावीर, जो महावीर वह जितेंद्रिय, जो जितेंद्रिय वह जिन और जो जिन वह जैन। उन्होंने कहा कि गौ माता के संरक्षण के लिए जो कार्य आचार्य कर रहे हैं वह अद्भुत है। हमने आचार्य भगवान के नाम पर प्रदेश में "जीव दया पुरस्कार" प्रारंभ करने का फैसला लिया।
मुख्यमंत्री चौहान आज जबलपुर के तिलवारा घाट स्थित दयोदय पशु संवर्धन एवं पर्यावरण केन्द्र गौशाला में आचार्य विद्या सागर जी के सानिध्य में प्रदेश की उत्कृष्टता गौ-शालाओं और जीवदया के क्षेत्र में कार्य करने वाले समाज-सेवियों को सम्मानित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शरद पूर्णिमा के दिन आचार्य गुरुवर का, आचार्य भगवन का इस धरती पर अवतरण हुआ। हम जैसे सांसारिक मोह माया में फंसे लोगों को बाहर निकालने का रास्ता आचार्य भगवन ने दिखाया है। मैंने यह बहुत पहले तय कर लिया था कि आज के दिन आचार्य के दर्शन अवश्य करूँगा। मैं आज उनके दर्शन कर धन्य हो गया हूँ। मेरा जीवन सफल हो गया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सरकार गौ-संरक्षण की दिशा में कोई कसर नहीं छोड़ेगी, परंतु यह काम अकेले सरकार नहीं कर सकती है। सरकार के साथ समाज को आगे आना होगा। इस कार्य में अच्छे लोग जुट रहे हैं। गौ-शालाओं को आत्म-निर्भर बनाना होगा। यदि गाय की एक-एक चीज दूध, गोबर, गोमूत्र आदि का ढंग से उपयोग किया जाए तो गौशालाएँ स्वावलंबी हो सकती हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जब मैं पहली बार सीएम हाउस आया तो दो गाय लेकर आया था और जब वहाँ से गया तो उनकी संख्या 44 हो गई थी। वे सब गाय अब मेरे खेत पर हैं। मैं जब दोबारा मुख्यमंत्री निवास आया, तो फिर दो गाय लेकर आया। अब वे 5 हो गई हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रतिदिन प्रातः मैं सबसे पहले गौ-माता को रोटी खिलाता हूँ। उसके बाद एक पौधा लगाता हूँ, फिर अपने कार्य प्रारंभ करता हूँ। प्रतिदिन मैं योग, प्राणायाम, पूजन के साथ संतों को भी प्रणाम करता हूँ।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में 3 हजार 500 गौ-शालाओं पर काम चल रहा है। गौ-संरक्षण के लिये हमनें गौ-अभयारण्य भी बनाये हैं। हमारा काम गौ-शालाएँ बनाना भी है और उन्हें स्वावलंबी बनाना भी। गौ-संरक्षण के लिये हर व्यक्ति को अपने-अपने स्तर से प्रयास करने चाहिएँ।
मुख्यमंत्री ने गौ सेवा के क्षेत्र में कार्य करने वालों को पुरस्कृत किया
मुख्यमंत्री चौहान ने मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित आचार्य विद्यासागर जीवदया गौसेवा सम्मान योजना के तहत गौ-संरक्षण और गौ सेवा के क्षेत्र में वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थागत श्रेणी के पुरस्कार प्रदान किये। समारोह में गौ- संरक्षण एवं गौ सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये वर्ष 2018-19 का संस्थागत श्रेणी का प्रथम पुरस्कार आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्द्धन केन्द्र लेहरदा जिला सागर को, तृतीय पुरस्कार दयोदय पशु सेवा केन्द्र अशोकनगर को तथा गोपाल गौशाला कचनारिया जिला उज्जैन, राज राजेश्वरी गौशाला गोटेगांव जिला नरसिंहपुर, गौवंश रक्षण समिति वारासिवनी जिला बालाघाट एवं त्रिवेणी गौशाला झगडिया जिला बैतूल को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। गौसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये वर्ष 2018-19 में व्यक्तिगत श्रेणी का प्रथम पुरस्कार सूरज सोनी (गौपुत्र) सागर, द्वितीय पुरस्कार एसके उपाध्याय रीवा एवं तृतीय पुरस्कार ज्ञानचंद जैन पन्ना को प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री चौहान द्वारा वर्ष 2019-20 में गौ संरक्षण और गौसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये दिये गये पुरस्कारों में संस्थागत श्रेणी में प्रथम पुरस्कार बाहुवली जीव रक्षा संस्थान मेघासिवनी जिला छिंदवाड़ा एवं द्वितीय पुरस्कार श्रीराम गौ संवर्द्धन गौशाला बिरकुनिया जिला सिंगरौली को प्रदान किया। जबकि शीतला माता गौसेवा समिति उज्जैन, श्रीगणेश गौशाला आगर मालवा एवं श्रीमद भागवत गौशाला कनाडिया जिला इंदौर को इस श्रेणी का सांत्वना पुरस्कार मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदान किया। गौ संरक्षण और गौसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये वर्ष 2019-20 के व्यक्तिगत श्रेणी के पुरस्कारों में स्वामी ऋषभ देवानंद जी ग्वालियर को प्रथम, पवन राजपूत हटा जिला दमोह को द्वितीय तथा डॉ. श्वेता सिंह मरावी मण्डला को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
आचार्य विद्यासागर जीवदया गौसेवा सम्मान योजना के तहत गौ संरक्षण और गौसेवा के उत्कृष्ट कार्यों के लिये संस्थागत श्रेणी के प्रथम पुरस्कार के रूप में 5 लाख रूपये, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 3 लाख रूपये, तृतीय पुरस्कार के रूप में 2 लाख रूपये तथा सांत्वना पुरस्कार के रूप में प्रत्येक को 50-50 हजार रूपये की राशि प्रदान की जाती है। इसी तरह व्यक्तिगत श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के रूप में एक लाख रूपये, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 50 हजार रूपये एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में 20 हजार रूपये की राशि एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है।
समारोह में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी मध्यप्रदेश गौपालन एवं पशु संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद जी महाराज, विधायक श्रीमती नंदिनी मरावी, ब्रह्मचारी विनय भैय्या उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने समारोह के पहले संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज के दर्शन किये तथा श्रीफल भेंटकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।