रायपुर
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी राजस्व प्रबंधन की उन्नत प्रणाली को सतत रूप से क्रियान्वित कर रही है। नवीन फोटो स्पाट मीटर रीडिंग एवं बिंलिंग प्रणाली का सीधा लाभ अब उपभोक्ताओं को मिल रहा है। इससे प्रणाली में रीयल टाइम में रीडिंग बिलिंग कंपनी के सर्वर में दर्ज हो रही है।
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक हर्ष गौतम ने बताया कि कंपनी द्वारा अब मीटर रीडिंग बिलिंग राजस्व संग्रहण एवं विद्युत विच्छेदन/पुर्नसंयोजन जैसी राजस्व संबंधित प्रक्रियाएं अब एक कैलेण्डर माह में ही पूर्ण की जा रही है जिससे राजस्व संग्रहण का पूरा-पूरा हिसाब उसी कैलेण्डर माह अंत में हो जाने से अब कंपनी का राजस्व प्रबंधन सशक्त हो गया है। कंपनी ने राजस्व को सुरक्षित रखने हेतु विद्युत के दुरूपयोग/चोरी की रोकथाम के लिये विजिलेंस दल को सघन विद्युत कनेक्शन चेकिंग अभियान हेतु निर्देशित भी किया है। इन्टरनल आडिट के माध्यम से राजस्व संबधित गलतियां/राजस्व क्षति के प्रकरणों को चिन्हांकित कर राजस्व निधि सुनिश्चित करने हेतु कार्यवाही भी की जा रही है जिसके परिणाम स्वरूप राजस्व क्षति / अनियमितता के प्रकरण भी संज्ञानित हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अब तक लगभग 7 करोड़ रुपए की अनियमिततायें राजनांदगांव, मस्तुरी, बिलासपुर के तिफरा जोन, नेहरूनगर जोन, मल्हार, पचपेड़ी एवं शिवरीनारायण के कार्यालयों में संज्ञान आई है जिसमें से 4.7 करोड़ रुपए को कंपनी द्वारा सुरक्षित कर लिया गया है। एक प्रकरण विशेष में बैंक की जमा पर्ची के माध्यम से लगभग 2.3 करोड रुपए की क्षति पहूॅची हैै, जो अभी पुलिस विवेचना में है, जिसमें एक बैंक कर्मचारी एवं एक विभागीय कर्मचारी प्रमुख आरोपी पाये गये।
विशेष तौर पर यह बताना भी आवश्यक है कि अधिकांश बड़ी अनियमितता पुराने समय की है जिसमें वर्ष 2018-19 में 1.82 करोड़ रुपए, वर्ष 2019-20 में 2.94 करोड़ रुपए एवं वर्ष 2020-21 में 1.24 करोड़ तथा वर्ष 2015-16 से 2017-18 के दौरान 43 लाख रुपए की अनियमिततायें संज्ञानित हुई । अत: स्पष्ट है कि उपरोक्त अनियमिततायें विगत 6 वर्षों के दरम्यान की है। कंपनी द्वारा अनियमितता को गंभीरता से लेते हुए 6 सहायक अभियंता, 5 कनिष्ठ अभियंता, 15 कार्यालय सहायक एवं 13 अन्य कर्मचारियों के विरूद्ध निलंबन/विभागीय जॉच की कार्यवाही की गयी है।
कंपनी में सेप ईआरपी सिस्टम में बिलिंग की जाती है जिसमें यह सुविधा है कि हर बिलिंग ट्रांजेक्शन आटोमेटिक तौर पर सर्वर में यूजर आई डी के साथ दर्ज हो जाती है जिससे उपरोक्त वित्तीय अनियमिततायें संज्ञानित हो सकी। उल्लेखनीय है कि सामान्य उपभोक्ता जो विभिन्न माध्यमों से बिजली बिल भुगतान करते हैं वे पूर्णत: सुरक्षित हैं। सामान्य उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हुई केवल वे ही उपभोक्ता प्रभावित हुए है जिन्होंने बिजली बिल का भुगतान न कर अपनी बकाया राशि को विभागीय कर्मचारी/अधिकारी के साथ मिली भगत कर वित्तीय अनियमितता की। कंपनी द्वारा ऐसी अनियमितताओं को चिन्हांकित कर पुन: क्षति राशि के समतुल्य डिमांड जारी कर कंपनी के राजस्व को सुरक्षित कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि कंपनी के राजस्व प्रबंधन की कार्यवाहियों में कुछ कर्मचारियों/अधिकारियों की विगत वर्षों में की गई अनियमिततायें उजागर हो रही है तथापि ये कार्यवाही कंपनी एवं उपभोक्ताओं के हित में है जिससे भविष्य में ऐसे कदाचार की पुनरावृत्ति में विराम लगेगा। इंटरनल आडिट की यह कार्यवाही सतत् जारी रहेगी इस हेतु 16 अधिकारियों के दल कार्य कर रहे हैं जो वर्ष 2015 से लेकर वर्तमान तक की आडिट कर रहे हैं। कंपनी के राजस्व प्रबंधन की संपूर्ण जानकारी के साथ उपरोक्त वित्तीय अनियमितताओं को छग राज्य विद्युत नियामक आयोग को भी अवगत कराया गया हैं।