Sunday, March 26

शहरी क्षेत्र में 7500 वर्ग फुट तक के अधिक्रमित शासकीय भूमि के आबंटन और व्यवस्थापन का अधिकार कलेक्टर को

शहरी क्षेत्र में 7500 वर्ग फुट तक के अधिक्रमित शासकीय भूमि के आबंटन और व्यवस्थापन का अधिकार कलेक्टर को


कोरिया
कोरिया कलेक्टर ने कहा की शासकीय भूमि में अतिक्रमित भूमि में व्यवस्थापन एवं आबंटन के लिए आवेदक अपना आवेदन नजूल शाखा में प्रस्तुत कर सकते हैं। कलेक्टर  श्याम धावड़े ने साप्ताहिक समयसीमा बैठक में इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारियों (राजस्व) को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा नगरीय क्षेत्रों में अधिक्रमित भूमि की व्यवस्थापन एवं शासकीय भूमि के आवंटन हेतु सक्षम अधिकारी के संबंध में आंशिक संशोधन करते हुए 7500 वर्ग फुट तक की शासकीय भूमि के 30 वर्षीय पट्टे पर आवंटन तथा अधिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन करने का अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदान किए गए हैं।

संयुक्त कलेक्टर ए एस पैंकरा ने बताया कि  नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन तथा शासकीय भूमि के आबंटन की कार्यवाही शासन द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार की जा रही है। पट्टे पर आबंटित शासकीय भू-खण्ड को भूमि स्वामी हक में परिवर्तित करने तथा शासकीय भूमि के भूमि स्वामी हक में व्यवस्थापन करने हेतु शासन द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। नगरीय क्षेत्र में 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि को पट्टे पर आबंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन के संबंध में कलेक्टर को अधिकार प्राप्त हैं। 7500 वर्ग फीट से अधिक भूमि के आबंटन तथा व्यवस्थापन का अधिकारी राज्य शासन को होगा। अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन के समय प्रब्याजी का निर्धारण प्रचलित गाइडलाईन की 150 प्रतिशत के बराबर की जाएगी तथा यदि भूमि स्वामी व्यवस्थापन के समय राज्य शासन से भूमि स्वामी हक में भूमि प्राप्त करना चाहता है तो बाजार मूल्य के अतिरिक्त 2 प्रतिशत की समतुल्य राशि देनी होगी। इस प्रकार बाजार मूल्य पर 152 प्रतिशत राशि देय होगी।

नगरीय निकायों में व्यवसायिक प्रयोजन के लिए भू-खण्ड के आबंटन हेतु प्रब्याजी का निर्धारण गाइडलाईन के 25 प्रतिशत के बराबर की जाएगी। इसी प्रकार गैर रियायती दर पर शासकीय पट्टे पर आबंटित भूमि को यदि पट्टेदार भूमि स्वामी हक में परिवर्तित करना चाहे तो प्रचलित गाइडलाईन दर से 2 प्रतिशत अधिक राशि लेकर भूमि स्वामी हक में परिवर्तित करने का अधिकार जिला कलेक्टर को होगा। इस प्रकार उस व्यक्ति को प्रचलित गाइडलाईन दर पर बाजार मूल्य का 102 प्रतिशत राशि देना होगा। राज्य शासन द्वारा उपरोक्त लिये गये निर्णयों से नागरिकों को भूमि स्वामी का हक मिलेगा।

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