भोपाल
प्रदेश के निजी और सरकारी कालेजों के प्रवेश पर विराम लगने का समय इजदीक आ गया है। यूजी-पीजी के प्रवेश छह लाख की कगार पर पहुंचने वाले हैं। यूजी में करीब साढे चार लाख और एक लाख तीस हजार प्रवेश पीजी में किए गए हैं। चौकाने वाली बात ये है कि इस बार विद्यार्थियों ने बीएससी को ज्यादा महत्व दिया है। वर्तमान प्रवेश में कामर्स को मात लगी है। जबकि बीए को हमेशा की तरह सबसे विद्यार्थियों ने पसंद किया है।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के 1301 कालेजों के प्रवेश देने की प्रक्रिया बंद हो गई है। सबसे ज्यादा प्रवेश बीए संकाय में हुए हैं। जबकि सबसे कम प्रवेश कामर्स संकाय में हुए हैं। बीए में सबसे ज्यादा प्रवेश होने के दो कारण सामने आए हैं। बीए में सबसे ज्यादा प्रवेश ग्रामीण क्षेत्रों की सीटों पर हुए हैं। वहीं बड़े शहरों के कालेजों में हुए प्रवेश डमी के तौर पर लिए गए हैं। क्योंकि विद्यार्थी बीए में डमी प्रवेश लेकर अपनी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयार कर सकते हैं। इसमें उन्हें अपनी संकाय को पास करने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करना होती है। वे अपने भविष्य को बनाने के लिए प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। इसमें यूपीएससी, एमपीपीएससी के साथ अन्य राज्यों की भर्ती परीक्षाएं तक शामिल हैं।
कामर्स क्यों पिछड़ा, इंजीनियरिंग आउट आफ फोकस
वर्तमान में कामर्स सेक्टर की स्थिति काफी लचर बनी हुई है। इसका एक असर कालेजों की कामर्स की सीटों पर हुए कम प्रवेश पर देखा जा सकता है। जबकि विद्यार्थियों ने बीएससी में ज्यादा प्रवेश लिए हैं। जबकि बीएससी में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी उतनी फीस में इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश लेकर डिग्री हासिल कर सकते थे। उसे आउट आफ फोकस कर कर विद्यार्थियों ने मार्केट में साइंस की डिमांड देखते हुए प्रवेश लिए हैं।
यूजी-पीजी में साइंस की धूम
कोर्स प्रवेश
बीए तीन लाख
बीएससी डेढ लाख
बीकाम सवा लाख
विधि 15 हजार