भोपाल
दिसंबर में होने वाले विधानसभा के शीत सत्र मे आने वाले द्वितीय अनुपूरक बजट में इस बार विभाग नवीन मदों के लिए और नये वाहन की खरीदी के लिए प्रस्ताव नही ंदे सकेंगे। वित्त विभाग ने इसके लिए विभागों को निर्देश दिए है।
संचालक बजट आइरिन सिंथिया ने द्वितीय अनुपूरक बजट के लिए विभागों से जो प्रस्ताव मांगे है उसमें विभागों को कुछ शर्तों का पालन करने को कहा गया है। विभागों से कहा गया है कि यदि केन्द्र सरकार, अन्य एजेंसी से वित्तीय सहायता केन्द्रांश स्वीकृत की गई है तथा विद्यमान मदों से इसके लिए राशि विमुक्त नहीं की जा सकती हो और अतिरिक्त संसाधन की व्यवस्था के लिए प्रशासकीय विभाग यदि अन्य प्रचलित योजनाओं में उपलब्ध राशि में से कटौती कर बचत की राशि से इसके लिए व्यवस्था नहीं कर पा रहे हो तो इसके लिए अलग से राशि मांगी जा सकती है। इसी तरह केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में राज्यांश आहरण हेतु पृथक बजट लाइनों को प्रतीक प्रावधान से खोले जाने हेतु राशि की मांग की जा सकेंगी। ऐसे प्रस्ताव दिए जा सकेंगे जिनके लिए राज्य की आकस्मिता निधि स ेअग्रिम स्वीकृत किया गया हो। जिनके लिए वित्त विभाग ने सहमति दे दी हो तो ऐसी मद के लिए भी बजट की मांग की जा सकेगी।
जिन मदों के लिए अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता प्राप्त होना है उनकी संक्षेपिका, केन्द्रीय सहायता की राशि जो राज्य को ऋण एवं अनुदान के रुप में प्राप्त होगी का उल्लेख करते हुए आवश्यक रुप से संलग्न करना होगा।इसी प्रकार यदि कोई खर्च जिसके लिए राशि मांगी जा रही है, उसे यदि स्वीकृत बजट की बचत से लेखों में समायोजित होना है तो उसके संबंध में अनुदान संख्या शीर्ष सहित पूर्ण ब्यौरा भी देना होगा।
द्वितीय अनुपूरक अनुमान के प्रस्ताव प्रशासकीय विभाग प्रशासकीय अनुमोदन करने के बाद आईएफएमआईएस से आॅनलाईन वित्त विभाग को दो दिसंबर तक भेजना है। योजनाओं के अंतर्गत सेगमेंट एवं विकास शीर्ष लिखना होगा और लेखा शीर्ष का पूर्ण विवरण का सही परीक्षण कर विभागों को भेजना होगा।