मुंबई
मुंबई पुलिस के बर्खास्त एएसआई सचिन वाजे ने मंगलवार को जांच आयोग को बताया है कि उसके जीवन का सबसे दर्दनाक समय कौन सा था। जांच आयोग के सामने सचिन वाजे ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में जो समय उसने बिताया है वह उसके जीवन का 'सबसे दर्दनाक समय' था। पूछताछ में वाजे ने दावा किया है कि एनआईए ने उससे कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी करवाए थे। दरअसल, एंटीलिया मामले में गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने वाजे को एनआईए की हिरासत में भेजा था। एनआईए ने कई दिनों से वाजे से पूछताछ भी की थी।
इस साल फरवरी में दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेस अंबानी के आवास एंटीलिया के पास विस्फोटक से लदी एक एसयूवी मिली थी। एसयूवी मिलने के बाद उसका मालिक व्यवसायी मनसुख हिरेन की ठाणे जिले के मुंब्रा इलाके में एक नाले से शव बरामद किया गया था। मामला सामने आने के बाद जांच एनआईए को सौंपी गई। जिसके बाद जांच एजेंसी ने इस मामले में कथित भूमिका के लिए सचिन वाजे को गिरफ्तार किया, बाद में वाजे को सेवा से भी बर्खास्त कर दिया गया। एनआईए हिरासत का दौर जीवन का सबसे दर्दनाक समय था
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की ओर से महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जस्टिस के यू चांदीवाल आयोग जांच कर रहा है। मंगलवार को भी जांच आयोग ने वाजे से पूछताछ की। अनिल देशमुख के वकील अनीता कैस्टेलिनो ने सवाल किया कि क्या एनआईए की हिरासत में उस पर किसी तरह का दबाव या असहज स्थिति थी? वाजे ने जवाब में कहा हां बिल्कुल। यह मेरे जीवन का सबसे दर्दनाक समय था।
वाजे ने आगे कहा कि उन 28 दिनों में (केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में बिताया गया समय) केवल एनआईए ही उसका उत्पीड़न और अपमान कर रही थी। वाजे ने कहा कि मैं बताना चाहता हूं कि जख्म अभी भी मौजूद हैं। वाजे के साथ पूछताछ बुधवार को भी जारी रहेगी। बता दें कि एक दिन पहले सोमवार को अनिल देशमुख भी आयोग के सामने पेश हुए थे। परमबीर सिंह की ओर से देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए इस साल मार्च में महाराष्ट्र सरकार ने जस्टिस चांदीवाल (रिटायर्ड) की अगुवाई में एक जांच आयोग बनाया था। जिसमें केवल एक ही सदस्य शामिल हैं।