नई दिल्ली
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने 2007 में खेले गए 50 ओवर के वर्ल्ड कप का उदाहरण देते हुए बताया है कि कैसे भारत ने रविवार को दुबई में खेले गए टी-20 विश्व कप 2021 में न्यूजीलैंड के खिलाफ रोहित शर्मा को नंबर 3 पर बल्लेबाजी के लिए भेजकर एक बड़ी गलती की। भारतीय टीम मैनेजमेंट ने न्यूजीलैंड के खिलाफ रोहित को नंबर तीन पर उतारा जबकि ओपनिंग के लिए केएल राहुल के साथ ईशान किशन को भेजा गया। ईशान इस नंबर पर असफल रहे और वह केवल चार रन ही बना पाए। वहीं, रोहित ने नंबर तीन पर खेलते हुए 14 रनों का योगदान दिया। भारत को इस मैच में न्यूजीलैंड के हाथों आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा। सहवाग ने कहा कि इस तरह की गलती 2007 वर्ल्ड कप में भी हुई थी और भारत को उस टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा था। सहवाग ने क्रिकबज से कहा, '2007 वर्ल्ड कप में हमसे दो गलती हुई। जब हम रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहे थे तब हमने लगातार 17 मैच जीते थे, लेकिन जब विश्व कप आया, तो हमारे कोच ने कहा 'नहीं, हमें बैटिंग प्रैक्टिस की जरूरत है'। मैंने कहा 'पहले हम दो मैच जीत लेते हैं और फिर हमारे पास अपनी बल्लेबाजी में सुधार के लिए आगे छह मैच होंगे। लेकिन उन्होंने कहा 'नहीं'।'
सहवाग ने कहा, ' दूसरी गलती यह थी कि जब सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की सलामी जोड़ी शानदार प्रदर्शन कर रही थी, तो फिर उसे क्यों तोड़ी गई? ऐसा क्यों कहा गया कि अगर तेंदुलकर मिडल ऑर्डर में बल्लेबाजी करते हैं तो आप इनिंग को कंट्रोल कर सकते हैं?। मिडल ऑर्डर में पारी को कंट्रोल करने के लिए हमारे पास युवराज सिंह, राहुल द्रविड़ और महेंद्र सिंह धोनी के रूप में पहले से ही तीन खिलाड़ी मौजूद थे। आपको चौथे की जरूरत क्यों पड़ी? सचिन ने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की और देखिए क्या हुआ। जब टीमें रणनीति बदलती हैं, तब वे खराब खेलती हैं। यह सबसे अच्छा उदाहरण है जोकि मैं आपको दे सकता हूं।'