नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने मंगलवार को बताया कि देश में आजादी के बाद से जनगणना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के अलावा अन्य जातिवार गणना नहीं की गई है। लोकसभा में डॉ. थोल थिरूमावलवन के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह बात कही। उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार की वंचितों को सामाजिक आर्थिक दृष्टि से ऊपर उठाने के लिये जातिवार गणना करने की कोई योजना है? इस पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि जातियों एवं जनजातियों को समय-समय पर यथा संशोधित (अनुसूचित जाति) आदेश 1950 तथा संविधान अनुसूचित जनजाति आदेश 1950 के तहत विशेष रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के रूप में अधिसूचित किया गया है। इनकी एक दशक में होने वाली जनगणना में गिनती की जाती है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने आजादी के बाद से जनगणना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के अलावा अन्य जातिवार गणना नहीं की है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि जनगणना अनुसूची केंद्रीय मंत्रालयों सहित विभिन्न पक्षकारों के साथ परामर्श करके तैयार की जाती है। उन्होंने बताया कि जनगणना कराने के लिये सरकार ने राजपत्र 28 मार्च 2019 को अधिसूचित किया था लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण जनगणना गतिविधियों को स्थगित किया गया है।