रायपुर
प्राइवेट एजेंसी से वसूली होगी निकाय क्षेत्र में प्रापर्टी टैक्स,नया शिगूफा आ गया है। नगर निगम प्रशासन ने जिस प्रस्ताव को साल भर पहले खारिज कर दिया था एक बार फिर नगरीय प्रशासन विभाग लादने की तैयारी में हैं इसके लिए पता चला है कि टेंडर भी निकाल दिया गया है लेकिन सूबे के सबसे बड़े निगम रायपुर स्वीकारने तैयार नहीं हैं.दो टूक सवाल यदि प्राइवेट एजेंसी को काम देते भी है तो इनका भुगतान उन्ही के जिम्मा आयेगा,निगम के कर्मचारी टैक्स वसूली के लिए सक्षम हैं। अब देखना है कि इस टकराव के बीच टेंडर ओके हो पाता है या नहीं?
जानकारी के मुताबिक राज्य के छोटे-बड़े निकायों में अब बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई की तर्ज पर प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली का जिम्मा प्राइवेट एजेंसी को सौंपने की तैयारी है। ठेका कंपनी के आदमी घर-घर दस्तक देकर प्रॉपर्टी टैक्स वसूल करेंगे। नगरीय प्रशासन विभाग ने इसके लिए टेंडर निकाल दिया है। हालांकि निगम प्रशासन एक बार पहले भी नगरीय प्रशासन विभाग के इस प्रस्ताव को खारिज कर चुका है। निगम इसे फिजूल खर्ची मानता है। नगरीय प्रशासन विभाग ने राज्य के छोटे-बड़े निकायों के लिए इसी सिस्टम के लिए फिर से टेंडर जारी किया है।
रायपुर नगर निगम प्रशासन का तर्क है कि यहां लोग खुद ही प्रॉपर्टी टैक्स अदा करते हैं। निगम का राजस्व अमला इसके लिए सक्षम है। यही वजह है कि यहां हर साल राजस्व में बढ़ोतरी भी हो रही है। उस समय ये भी तर्क दिया गया था कि जब निगम टैक्स वसूली में सक्षम है तो प्राइवेट एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपना फिजूल खर्ची होगी।
अनावश्यक ही एजेंसी को करोड़ों बतौर कमीशन देना होगा। इसी आधार पर पिछले प्रस्ताव को खारिज किया गया था। इसके बाद भी नगरीय निकाय पिछले कुछ महीनों से लगातार टेंडर जारी कर रहा है। टेंडर में एक भी कंपनी ने हिस्सा नहीं लिया। इस वजह से अब 27 नवंबर 2021 को नया टेंडर निकाल दिया गया है। नए टेंडर के अनुसार ठेका लेने के लिए इच्छुक कंपनियां 8 दिसंबर तक टेंडर सबमिट कर सकती हैं। उसके बाद किसी का टेंडर स्वीकार नहीं किया जाएगा।