नई दिल्ली।
जायडस कैडिला का कोरोना टीका जायकोव-डी का इस्तेमाल पहले उत्तर प्रदेश, बिहार समेत सात राज्यों में किया जाएगा। इन राज्यों को उन जिलों की पहचान करने को कहा गया है जहां ऐसे पात्र लोगों की संख्या ज्यादा हो जिन्हें टीके की एक भी खुराक नहीं मिली है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के निदेशकों के साथ हर घर दस्तक अभियान की समीक्षा की। साथ ही उन्होंने सात राज्यों को उन जिलों की पहचान करने को कहा जहां पहली खुराक नहीं लेने वाले पात्र लोगों की संख्या ज्यादा है। ताकि उन्हें जायकोव-डी की खुराक दी जा सके। ये सात राज्य बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल हैं।
प्रशिक्षण प्रक्रिया पूरी
सूत्रों ने बताया कि जायकोव-डी को फिलहाल सात राज्यों के वयस्कों को लगाया जाएगा। यह पहला ऐसा टीका है, जिसे भारत के औषधि नियामक ने 12 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों को लगाने की मंजूरी दी है। जायकोव-डी लगाने के लिए प्रशिक्षण प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
हर घर दस्तक अभियान से दूसरी खुराक लेने वाले 11.7% बढ़े
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि केंद्र के घर-घर टीकाकरण अभियान हर घर दस्तक के चलते 30 नवंबर तक पहली खुराक लेने के मामले में 5.9 प्रतिशत जबकि दूसरी खुराक लेने के मामले में 11.7 प्रतिशत वृद्धि हुई। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और एनएचएम मिशन निदेशकों के साथ अभियान के तहत हुई प्रगति की समीक्षा करते हुए उनके प्रदर्शन की सराहना की। तीन नवंबर को शुरू किए गए हर घर दस्तकअभियान का उद्देश्य सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में घर-घर जाकर सभी पात्र लाभार्थियों को जागरुक करना, एकत्रित करना तथा टीका लगाना है। अभियान ने टीकाकरण की गति को बढ़ा दिया है, लेकिन लगभग 12 करोड़ लाभार्थियों ने अब भी दूसरी खुराक नहीं ली है।
84 फीसदी ने एक और 49 फीसदी ने दोनों खुराक ली
देश में अब तक कोविड-19 की 125 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। इसमें से 79.13 करोड़ (84.3 प्रतिशत) लाभार्थियों को पहली खुराक और 45.82 करोड़ (49 प्रतिशत) को दूसरी खुराक दी गई है। राज्यों को सभी पात्र लाभार्थियों को पहली खुराक देने, अगस्त और सितंबर में दी गई खुराक के संदर्भ में लक्षित योजना तैयार करने की सलाह दी गई ताकि टीकाकरण की गति में तेजी से वृद्धि करके सभी लाभार्थियों को दूसरी खुराक दी जा सके। उन्हें यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी गई कि राज्यों के पास उपलब्ध टीके की खुराक का समय पर इस्तेमाल किया जाएगा।