लखनऊ
महंगाई की मार ने पूरे घर का बजट बिगाड़ दिया है। ऐसा कोई सेक्टर नही बचा, जो महंगाई की आग से झुलस न रहा हो। सुबह ब्रश से लेकर रात की दवा तक, नाश्ते से लेकर डिनर, घर से लेकर आफिस तक की जिंदगी में काम आने वाली हर चीज 100 से 400 फीसदी तक महंगी हो चुकी है। रही सही कसर पेट्रोल-डीजल ने पूरी कर दी है। महज दो महीने में 12 रुपये लीटर की वृद्धि ने ट्रांसपोर्टरों की कमर तोड़ दी है। इसका सीधा असर आम जनजीवन पर व्यापक रूप से पड़ा है।
साल 2000 से तुलना करें तो जिस रफ्तार से महंगाई बढ़ी है, उतनी तेज लोगों की आय नहीं बढ़ी है। आय और व्यय के बीच बढ़ती खाई के कारण ही लोग परेशान हैं। गरीब वर्ग के लिए दाल-रोटी जुटाना मुश्किल है। मिडिल क्लास लगातार अपने जरूरत के खर्चों में भी कैंची चला रहा है।
रोजमर्रा की जरूरतों के सामान को महंगाई की आग ने किस कदर झुलसाया है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 22 साल पहले घड़ी वाला सेल 3 रुपये का था, जो आज 12 रुपये का हो गया है। टार्च वाला बड़ा सेल 7 रुपये का था जो आज 30 रुपये का हो गया है।

