मुंबई
महाराष्ट्र के शहरों में दो दिन से भड़की हिंसा की आग को काबू करने के लिए अब इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है, साथ ही इंटरनेट की सुविधा भी अगले आदेश तक रोक दी गई है। शुक्रवार को महाराष्ट्र के चार शहरों से शुरू हुआ बवाल अब अमरावती और मालेगांव में हिंसा का रूप ले चुका है। राजकमल चौक और गांधी चौक जैसे इलाकों भीड़ द्वारा दुकानों और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया जिसके बाद उद्धव सरकार ने शनिवार को अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया। हालांकि रविवार को महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने बताया कि अमरावती में स्थिति नियंत्रण में है।
बता दें अमरावती में शुक्रवार दोपहर से हिंसा शुरू हो गई थी लेकिन आरोप है कि शनिवार की तोड़फोड़ एक राजनीतिक दल द्वारा की गई। जबकि शुक्रवार की घटना को अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने शुरू की थी। शुक्रवार को अमरावती, नांदेड़ और मालेगांव में हिंसा भड़क उठी, जहां अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोगों ने त्रिपुरा में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के खिलाफ कथित हिंसा के विरोध में बिना पुलिस की अनुमति के रैली निकाली। गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने शुक्रवार को हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया था और राज्य भाजपा ने हिंसा के विरोध में शनिवार शाम 4 बजे तक अमरावती में बंद का आह्वान किया था।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए शहर में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है। चिकित्सा आपात स्थिति को छोड़कर, लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। आदेश के अनुसार पांच से अधिक लोगों के एक स्थान पर इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है। शुक्रवार को त्रिपुरा में अमरावती, नांदेड़, मालेगांव, वाशिम और यवतमाल में घटनाओं के विरोध में मुस्लिम संगठनों द्वारा निकाली गई रैलियों के दौरान लोगों द्वारा पथराव करने की खबरें थीं। घटना के सिलसिले में पुलिस ने अब तक दंगा समेत विभिन्न आरोपों के तहत 20 प्राथमिकी दर्ज कर 20 लोगों को गिरफ्तार किया है और चार अन्य को हिरासत में लिया है।

