Wednesday, December 31

27 टाइगर दस साल में हुए लापता लेकिन तलाशी के लिए नहीं किए गए कोई गंभीर प्रयास

27 टाइगर  दस साल में हुए लापता लेकिन तलाशी के लिए नहीं किए गए कोई गंभीर प्रयास


जयपुर
राजस्थान में सवाईमाधोपुर जिले के रणथम्भौर अभयारण्य को बाघों की नर्सरी बताने वाली राज्य सरकार लापता टाइगर को लेकर वन्यजीव प्रेमियों के निशाने पर है। पिछले दस साल में एक-एक कर के 27 टाइगर लापता हो गए। लेकिन इनकी तलाशी के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किए गए। वन विभाग के अधिकारी टाइगर को लापता बता रहे हैं। वहीं, वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि टाइगर लापता नहीं है, बल्कि मारे गए हैं। लापता होते तो अब तक उनके बारे में कोई न कोई जानकारी अवश्य सामने आती। रणथम्भौर सहित राज्य के अन्य अभयारण्यों में वन्यजीवों की निगरानी के लिए अत्याधुनिक कैमरे लगाए हुए हैं, ऐसे में यदि टाइगर लापता होते तो दस साल की अवधि में कैमरों में कही न कहीं अवश्य कैद होते। भाजपा सांसद और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की सदस्य दीया कुमारी इतनी बड़ी संख्या में टाइगर के लापता होने पर चिंता जता चुकी हैं। उन्होंने उच्च स्तरीय जांच की जरूरत भी बताई है।

यह टाइगर लापता हुए
वन विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रणथम्भौर से साल, 2010 में बाघिन(फीमेल टाइगर) टी-14, टी-27 और टाइगर-21, टी-40 लापता है। साल, 2011 में टी-49 एवं टी-50 शावक लापता हुए । इसी प्रकार 2013,में बाघिन टी-17, टी-67 व टाइगर टी-31, टी-68 लापता हुए । 2015 में टाइगर टी-22 व टी-26 लापता है। इसी दौरान टी-42, टी-43 लापता हुए।
साल, 2014 से टी-53, टी-55, टी-70, टी-71,टी-76 के बारे में वन विभाग को कोई जानकारी नहीं है। इसी प्रकार टी-47, टी-88, टी-92 टी-39 के दो शावक भी अलग-अलग समय में लापता हुए, जिनका अब तक कोई पता नहीं चल सका है। तीन अन्य टाइगर के लापता होने की बात कही जा रही है, लेकिन इनकी अधिकारिक पहचान सामने नहीं आई है। इसी साल टी-65 की मौत हो गई।

वनमंत्री बोले, पता कराता हूं
टाइगर के लापता होने के बारे में राज्य के वन मंत्री सुखराम बिश्नोई ने कहा, मैं पता कराता हूं कि इतनी बड़ी संख्या में लापता कैसे हुए। उन्होंने कहा कि तीन साल से राज्य में कांग्रेस की सरकार है तब से तो किसी टाइगर के लापता होने की बात सामने नहीं आई है। उन्होंने ट्रैकिंग सिस्टम और टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स को और अधिक सक्रिय करने की बात कही । उधर पीपुल फार एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में टाइगर के लापता होने का मतलब साफ है कि उन्हे मारा गया है। उन्होंने कहा कि दस साल से तो कोई टाइगर लापता नहीं रह सकता । अगर लापता होता तो अब तक मिल गया होता।

 

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