भोपाल
शहर में जोरशोर से शुरू किये गए जर्जर सड़कों के पैचवर्क के काम पर ब्रेक लग गया है। नगर निगम के अमले ने बीत 14 दिन से शहर की किसी भी सड़क पर पैचवर्क नहीं किया। अभी भी 40 प्रतिशत जर्जर सड़कों को पैचवर्क का इंतजार है। 23 अक्टूबर को आखिरी बार निगम के यांत्रिक विभाग के अमले ने होशंगाबाद रोड, बीआरटीएस लेन, दानिश नगर, हबीबगंज रेलवे स्टेशन अंडर ब्रिज के पास सड़कों के गड्ढे भरे थे। उसके बाद से सड़कों की रिपेयरिंग का काम बंद है। अहम बात यह हैं कि यांत्रिकी विभाग के चीफ सिटी इंजीनियर पीके जैन ने बीएमसी कमिश्नर केवीएस चौधरी कोलसानी को बिना बताए पैचवर्क का काम अचानक बंद करवा दिया है। जबकि शहर की आधे से अधिक सड़कें आज भी खराब हैं।
23 दिन चला पैचवर्क का काम
शहर में सड़कों की रिपेयरिंग का काम महज 23 दिन चला। 1 अक्टूबर को पैचवर्क का काम विधिवत तारीके से शुरू हुआ था। निगम के अधीन 3500 किलोमीटर सड़कें आती हंै। निगम ने अब तक लगभग 1600 किलोमीटर सड़कों पर ही पैचवर्क किया है। अभी 1900 किलोमीटर सड़कों पर पैचवर्क होना बाकी है।
रोजाना आ रही दर्जनों शिकायतें
नगर निगम के कॉल सेंटर में रोजाना 10 से 15 शिकायतें पहुंच रही हैं। निगम के अधीन आने वाली 40 फीसदी सड़कें आज भी पैचवर्क का इंतजार कर रही हैं। निगम ने 60 फीसदी सड़कों पर ही पैचवर्क किया है। इनमें से कुछ सड़कें ऐसी भी हैं, जहां पैचवर्क किये जाने के बाद सड़क वापस जर्जर हो चुकी हैं।
ठेकेदार हुए मालामाल
नगर निगम को सड़कों की रिपेयरिंग के लिए 75 करोड़ रुपए मोटी रकम मिली है। इस राशि से सड़कों की दुर्दशा तो पूरी तरह ठीक नहीं हुई, लेकिन अफसर और ठेकेदार जरूर मालामाल हो चुके हैं। निगम ने 45 करोड़ रुपए अब तक ठेकेदारों को सड़क रिपेयरिंग के नाम पर सड़कों की बिना जांच पड़ताल के पेमेंट कर दिया है।

