नई दिल्ली
केंद्र सरकार नशीले पदार्थों के खिलाफ एक बड़ी जंग की तैयारी कर रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को इस मुद्दे पर विभिन्न एजेंसी के बीच समन्वय पर उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने राज्यों में नशीली दवाओं के खतरे पर अंकुश लगाने के लिए अखिल भारतीय पोर्टल, खोजी कुत्तों की इकाई (कैनाइन स्क्वॉड), मुफ्त कॉल सेंटर और विशेष कार्यबल बनाने का निर्देश दिया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शाह ने मादक द्रव्य समन्वय तंत्र (एनसीओआरडी) की तीसरी शीर्ष-स्तरीय बैठक के दौरान देश में मादक पदार्थों के सेवन के परिदृश्य और इसका मुकाबला करने वाले तंत्रों की समीक्षा की। इसका उद्देश्य ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के तहत देश से नशीली दवाओं का उन्मूलन करना है।
बैठक का आयोजन संघीय मादक पदार्थ विरोधी एजेंसी ‘स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी)’ द्वारा किया गया था और इसमें विभिन्न राज्यों और केंद्र के सचिवों और पुलिस प्रमुखों ने भाग लिया। शाह ने बैठक के दौरान रेखांकित किया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने नशीले पदार्थों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई है। सरकार नशीली दवाओं के दुरुपयोग को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा मानती है, जिससे केवल समग्र समन्वय से ही निपटा जा सकता है।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो दशक में नशीली दवाओं का सेवन करने वालों की संख्या में लगभग सात गुना वृद्धि हुई है, जो चिंताजनक है। बयान में कहा गया है, ‘उन्होंने (शाह ने) सीमाओं से परे इस समस्या से निपटने के लिए राज्यों और केंद्र सरकार की एजेंसियों के बीच घनिष्ठ समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया। मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी के साथ सभी स्तरों पर नियमित रूप से एनसीओआरडी बैठकें आयोजित करने के महत्व को रेखांकित किया।’गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार चौबीसों घंटे और सातों दिन टोल फ्री नेशनल नारकोटिक्स कॉल सेंटर भी चलाएगी, जहां जनता नशीली दवाओं के मामलों पर इनपुट और जानकारी साझा कर सकती है।
वर्ष मादक पदार्थ जब्त कीमत (रुपये में)
2011-2014 16 लाख किलोग्राम 604 करोड़
2018-2021 35 लाख किलोग्राम 1881 करोड़

