Monday, December 22

मरांडी बनाम इरफान: ‘निकम्मे’ और ‘गिरगिट’ जैसे शब्दों से गरमाई सियासत

मरांडी बनाम इरफान: ‘निकम्मे’ और ‘गिरगिट’ जैसे शब्दों से गरमाई सियासत


रांची

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। बाबूलाल मरांडी ने डॉ. इरफान अंसारी को निकम्मा कहा तो इरफान अंसारी ने मरांडी को गिरगिट कहा।

"ऐसे निकम्मे स्वास्थ्य मंत्री न केवल सरकार, बल्कि जनता पर बोझ बन चुके"
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि एक बीमार किशोरी को खाट पर लादकर अस्पताल ले जाना पड़ा और मृत्यु के बाद शव को 10 किलोमीटर तक खाट पर ढोना पड़ा, क्योंकि एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी। उन्होंने दावा किया कि एंबुलेंस संचालन की जिम्मेदारी मंत्री के करीबी को सौंप दी गई और सरकारी अस्पतालों में उनके अबोध बेटे का हस्तक्षेप हो रहा है। मरांडी ने कहा कि ऐसे निकम्मे स्वास्थ्य मंत्री न केवल सरकार, बल्कि जनता पर बोझ बन चुके हैं।

मरांडी गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. इरफान अंसारी ने मरांडी के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मरांडी गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं। उन्होंने कहा कि मरांडी की नकारात्मक सोच झारखंड की जनता के लिए सबसे बड़ा बोझ बन चुकी है। इरफान अंसारी ने आरोप लगाया कि मरांडी का हमला इसलिए है क्योंकि वह अल्पसंख्यक समुदाय से हैं, जो उन्हें बर्दाश्त नहीं हो रहा। व्यंग्यात्मक लहजे में अंसारी ने कहा कि गिरगिट ने आत्महत्या कर ली, सुसाइड नोट में लिखा – इंसानों से ज्यादा रंग मैं नहीं बदल सकता।

 

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