Tuesday, December 30

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, 80 वर्ष की आयु में हुई अंतिम यात्रा

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, 80 वर्ष की आयु में हुई अंतिम यात्रा


ढाका 

राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहे बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन हो गया है. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख खालिदा जिया ने ढाका के एवर केयर हॉस्पिटल में उपचार के दौरान अंतिम सांस ली. वह 80 वर्ष की थीं. खालिदा जिया पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थीं.

खालिदा जिया की अगुवाई वाली पार्टी बीएनपी ने उनके निधन की पुष्टि की है. बीएनपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि डॉक्टर्स ने कुछ ही समय पहले उन्हें मृत घोषित किया है. खालिदा जिया ने सुबह 6 बजे आखिरी सांस ली. लंबे समय से बीमार चल रही थीं और ढाका के एवर केयर हॉस्पिटल में उनका उपचार चल रहा था.

बीएनपी की सोशल मीडिया पोस्ट के मुताबिक 29-30 दिसंबर की रात पूर्व पीएम खालिदा की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. खालिदा की हालत बिगड़ते देख उपचार के लिए विदेश ले जाने की भी तैयारी थी. कतर से एक विशेष विमान भी ढाका पहुंच गया था. इस विमान को ढाका एयरपोर्ट पर स्टैंडबाई में रखा गया था. मेडिकल बोर्ड ने खालिदा जिया को ढाका के केयर हॉस्पिटल से लंदन के लिए उड़ान भरने की इजाजत नहीं दी.

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया कई बीमारियों से जूझ रही थीं. वह मधुमेह, गठिया, लीवर सिरोसिस के साथ ही हृदय रोग से पीड़ित थीं. 80 साल की खालिदा जिया आईसीयू में थीं, जहां हालत बिगड़ने पर पिछले कुछ दिनों से उनको वेंटिलेटर पर रखा गया था. बीती रात उनकी तबीयत अधिक बिगड़ गई.

एक दिन पहले ही किया था नामांकन

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद अंतरिम सरकार का गठन हुआ था और अब देश में नई सरकार चुनने के लिए चुनाव हो रहे हैं. इन चुनावों में खालिदा जिया भी उम्मीदवार थीं. खालिदा ने अपने निधन से कुछ ही घंटे पहले 29 दिसंबर को नामांकन दाखिल किया था. खालिदा जिया ने बोगरा-7 सीट के लिए नॉमिनेशन किया था.

बांग्लादेश की पहली महिला पीएम थीं खालिदा

खालिदा जिया के नाम बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री होने का रिकॉर्ड भी है. वह साल 1991 में पहली बार प्रधानमंत्री बनीं और उसके बाद भी दो बार उन्होंने बांग्लादेश सरकार का नेतृत्व किया. बेनजीर भुट्टो के बाद खालिदा जिया दुनिया में ऐसी दूसरी महिला नेता हैं, जिन्होंने किसी मुस्लिम देश की प्रधानमंत्री का पद संभाला.

राष्ट्रपति की पत्नी से बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री तक 

खालिदा जिया बांग्लादेश की राजनीति की एक बहुत ही मजबूत और चर्चित शख्सियत रही हैं. एक समय वह सिर्फ एक सैन्य अधिकारी की पत्नी थीं, लेकिन हालात ने उन्हें राजनीति में ला खड़ा किया और आगे चलकर वह बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं. खालिदा जिया का जन्म 1945 में हुआ था. उनकी पढ़ाई सामान्य रही और शुरू में राजनीति से उनका कोई सीधा नाता नहीं था. उनकी शादी बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति और सेना प्रमुख जियाउर रहमान से हुई. जियाउर रहमान की हत्या के बाद खालिदा जिया की जिंदगी पूरी तरह बदल गई. पति की मौत के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की कमान संभाली.

1991 में बनी पहली महिला प्रधानमंत्री
धीरे-धीरे उन्होंने खुद को एक मजबूत नेता के रूप में साबित किया. 1991 में वह बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं. इसके बाद भी वह कई बार सत्ता में रहीं और लंबे समय तक देश की राजनीति को प्रभावित करती रहीं. उनके कार्यकाल में विकास के साथ-साथ कई विवाद भी सामने आए, लेकिन उनके समर्थक उन्हें एक साहसी और जुझारू नेता मानते हैं. खालिदा जिया का जीवन संघर्ष, सत्ता, आलोचना और नेतृत्व से भरा रहा है. उन्होंने यह दिखाया कि कठिन हालात में भी एक महिला देश की राजनीति में सबसे ऊंचे पद तक पहुंच सकती है.

जानें शुरुआती जीवन और परिवार
खालिदा जिया का जन्म 15 अगस्त 1945 को तत्कालीन ब्रिटिश भारत (अब बांग्लादेश) के दिनाजपुर जिले में हुआ था. उनका जन्म एक साधारण परिवार में हुआ. उनके पिता का नाम इस्कंदर मजीद था, जो एक व्यापारी थे. बचपन से ही खालिदा जिया शांत स्वभाव की थीं और राजनीति से उनका कोई सीधा जुड़ाव नहीं था.

कहां से खालिदा जिया ने की  पढ़ाई 
खालिदा जिया ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिनाजपुर मिशनरी स्कूल से की.इसके बाद उन्होंने सुरेंद्रनाथ कॉलेज (अब ईडन महिला कॉलेज), ढाका से आगे की पढ़ाई पूरी की. उनकी पढ़ाई सामान्य रही और उस समय तक उनके जीवन का लक्ष्य राजनीति नहीं, बल्कि पारिवारिक जीवन था.

1959 में जियाउर रहमान से शादी
खालिदा जिया की शादी 1959 में जियाउर रहमान से हुई, जो उस समय पाकिस्तानी सेना में अधिकारी थे. 1971 में जब बांग्लादेश का मुक्ति संग्राम हुआ, तब जियाउर रहमान एक प्रमुख सैन्य कमांडर के रूप में उभरे. बाद में वे बांग्लादेश के राष्ट्रपति बने. यहीं से खालिदा जिया का जीवन पूरी तरह बदल गया. वे देश की प्रथम महिला (First Lady) बनीं, हालांकि उस समय भी वे राजनीति से दूर ही रहीं. 

1981 में राजनीति में एंट्री
1981 में एक सैन्य विद्रोह के दौरान राष्ट्रपति जियाउर रहमान की हत्या कर दी गई. यह घटना खालिदा जिया के जीवन का सबसे बड़ा झटका थी. पति की मृत्यु के बाद, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के नेताओं ने खालिदा जिया से पार्टी का नेतृत्व संभालने का आग्रह किया. इसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा और BNP की अध्यक्ष बनीं.

1990 में गिरी इरशाद सरकार 
खालिदा जिया ने उस समय के सैन्य शासक हुसैन मोहम्मद इरशाद के खिलाफ लोकतांत्रिक आंदोलन का नेतृत्व किया. उनकी अगुवाई में हुए आंदोलनों के चलते 1990 में इरशाद सरकार गिर गई.

1991 में बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री
1991 में हुए आम चुनावों में BNP ने जीत हासिल की और खालिदा जिया बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं. इसके बाद वे 1991–1996 और 2001–2006 तक दो बार प्रधानमंत्री रहीं. प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत हुई, अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ, शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर काम हुआ.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *