जयपुर
प्रदेश की कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सीएम गहलोत ने लगातार दूसरे दिन सभी जिलों के एसपी और आईजी के साथ बैठक की। सीएम गहलोत मुख्यमंत्री आवास से वीसी के जरिए सभी जिला पुलिस अधीक्षकों और पुलिस महानिरीक्षकों से कनेक्ट हुए। सीएम ने वीसी में कहा कि प्रो-एक्टिव पुलिसिंग से अपराधों पर लगाम कसें। हर पीड़ित को न्याय मिले। पुलिस अफसर पीड़ित को न्याय दिलाने की सोच से निचले स्तर पर कानून व्यवस्था को मजूबत करें। वीसी में सीएम गहलोत ने इस बात पर संतोष जताया कि पाॅक्सों एक्ट, महिला अत्याचार और एससी-एसटी मामलों में लगातार कमी आई है। दुष्कर्म के मामलों में अनुसंधान वर्ष 2018 में 211 दिन था। जो वर्ष 2021 में घटकर 86 दिन रह गया है। पुलिस ने वर्ष 2021 में पाॅक्सों एक्ट के 510 प्रकरणों अपराधियों को सजा दिलवाई। जिनमें से 4 प्रकरणों में मृत्यु दंड तथा 35 प्रकरणों में आजीवन कारावास की सजा मिली है। सीएम ने कहा कि पुलिस आगे भी ऐसे मामलों में प्रभावी कार्यवाही करें।
साइबर क्राइम रोकने के लिए अपनाए नवाचार
सीएम गहलोत ने पुलिस अफसरों को निर्देश दिए कि साइबर क्राइम रोकने के लिए पुलिस अधीक्षक नवाचार अपनाए। अपराध शाखा अपराधों का गुणवत्तापूर्ण निरीक्षण करें। गंभीर अपराधों में उच्च अधिकारी मौके पर जाकर पूरे मामले की सही ढ़ंग से जांच करें। पुलिस हिरासत में मौतों, दुष्कर्म, बाल अपराध और महिला अत्याचार के मामलों को गंभीरता से लिया जाए। मीडिया को वास्तविक स्थिति से तुरंत अवगत कराया जाए। ताकि कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं बिगड़े। पुलिस मुख्यालय एलं जिलों की सोशल मीडिया टीम के बीच प्रभावी समन्वय हो।
छुआछुत की घटनाओं को कड़ाई से रोकें
सीएम गहलोत ने कहा कि आजादी के लंबे समय बाद भी प्रदेश में छुआछुत की घटनाएं यदा-कदा हो जाती है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाए। दबंगों द्वारा बिंदौरी के दौरान दूल्हे को घोड़ी से उतारने की घटनाएं मानवता पर कलंक है। इन घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस गंभीरता से काम करें। गंभीर घटनाओं में पीड़ित व्यक्ति को तत्काल सहायता दिलाई जाए। बैठक में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार, डीपीजी एमएस लाठक समेत विभिन्न जिलों के एसपी शामिल हुए।

