भोपाल
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और प्राचार्य की वरिष्ठता सूची तैयार कराई जा रही है। इसके लिए कॉलेजों से लिस्ट मंगाई गई जो कि कई तथ्यों से अछूती है।
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर और प्राचार्य की वरिष्ठता सूची तैयार कराना शुरू कर दिया है। कॉलेजों ने अपनी शैक्षणिक स्टाफ की गलत जानकारी भेजी है। 54 बोर्ड आफ स्टडी के अटकने से आरडीसी में प्रोफेसर और प्राचार्य भागेदारी नहीं कर पाएंगे। प्रोफेसर निजी कॉलेजों में नौकरी छोड़ चुके हैं। प्राचार्य कॉलेजों से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसके बाद भी वे 54 बोर्ड आॅफ स्टडी में काबिज हैं। इसीलिये बीयू के विभाग, कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर, डीन और प्राचार्यों की वरिष्ठता सूची तैयार की जाती है। इसके लिये कॉलेजों से प्रोफेसर और प्राचार्य की जानकारी तलब की गई है।
कॉलेजों से गलत जानकारी मिलने पर बीयू अधिकारी सूची तैयार करने में काफी परेशानी महसूस कर रहे हैं। क्योंकि प्रोफेसरों और प्राचार्य बना दिया हैं। तो उनका अनुभव गलत बताया गया हैं। यहां तक उनकी जन्म तिथियों में भी गड़बड़ी दी गई है। इसलिये बीयू अधिकारी व कर्मचारी एक-एक कॉलेज से संपर्क कर सही जानकारी लेने में लगे हुये हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुये गत वर्ष कुलपति आरजे राव ने बोर्ड आॅफ स्टडी का एक साल का कार्यकाल बढ़ा दिया था।
विद्यार्थियों की आरडीसी भी अटकेगी
बोर्ड आफ स्टडी का चेयरमेन आरडीसी (रिसर्च डेवलपमेंट कमेटी) में शामिल होते हैं। बीयू ने 2022 में होने वाली पीएचडी प्रवेश परीक्षा के आवेदन जमा करना शुरू कर दिया है। इसमें योग्य विद्यार्थियों की आरडीसी की जाएगी। आरडीसी कराने के पहले बीयू को बोर्ड आफ स्टडी तैयार करना होंगी। बोर्ड के गठन नहीं होने से विद्यार्थियों की आरडीसी नहीं हो सकेगी।

