दुर्ग
छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांछी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के तहत काम कर रही महिलाओं व योजना की सफलता हेतु गौठानों में मेले के माध्यम से प्रदर्शिनी का अयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत गत दिवस को जनपद पंचायत पाटन के ग्राम पंचायत पतोरा में गौठान मेला का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) की महिलाओं के सामग्री विक्रय व प्रदर्शिनी हेतु गौठान मेला का सफलता पूर्वक आयोजन किया गया, महिलाओं द्वारा बनाई गई, विभिन्न सामग्री आकर्षण का केन्द्र थी, महिलाओं द्वारा बनाए गए सेनेटाईजर, फिनाईल, साबुन, अगरबत्ती, झुमर, मशरुम, ब्रोकली व अन्य हरी सब्जियां, दोना पत्तल, पापड़ बड़ी, आचार, गुपचुप, छत्तीसगढ़ व्यंजन आदि को बिहान मेला में स्टाल लगाकर विक्रय किया गया। अपने स्वरोजगार का प्रदर्शन करते हुए महिलाओं ने समान विक्रय कर अच्छी आमदनी अर्जित किया है।
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से किया गया। साथ ही ग्राम पतोरा में बिहान की दीदीयों के सामग्रियों के विक्रय हेतु पंचायत दुकान का लोकार्पण किया गया। जिसमें पंचायत में बन रहे समूह द्वारा विभिन्न सामग्रियों को बेचने रखा जायेगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति शालिनी यादव थी अध्यक्षता जिला पंचायत उपाध्यक्ष अशोक साहू ने की, विशेष अतिथि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष जवाहर वर्मा, जनपद उपाध्यक्ष देवेन्द्र चन्द्रवंशी व ग्राम पंचायत सरपंच श्रीमती अंजीता साहू उपस्थित थे। कार्यक्रम में जय महामाया स्व सहायता समूह, अमीन माता स्व सहायता समूह, नारी शक्ति स्व सहायता समूह, जय मां भगवती स्व सहायता समूह, जय मां कर्मा महिला स्व सहायता समूह, गणेश स्व सहायता समूह, जय मां शीतला महिला स्व सहायता समूह, मिनी माता स्व सहायता समूह, जय मां संतोषी स्व सहायता समूह की दीदीयों ने स्टाल लगाया था व लगभग 12000 रुपये की आमदनी हुई । इसी क्रम में ग्राम पंचायत महुदा में दिनांक 16 फरवरी को गौठान मेला व युवा खेल-कूद का अयोजन का कार्यक्रम रखा गया है।
अश्विनी देवांगन सीईओ जिला पंचायत बताते है कि मेले में महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा खुद से बनाए, विभिन्न प्रकार के खाद्य सामग्रीयों का स्टाल लगाया गया, जिसमें महिलाओं ने अपने अन्य उत्पाद भी बेचे साथ ही मेले में लोंगों को जैविक खाद भी प्रदान किया जा रहा है। इस दौरान बिहान से जुडी समूह की महिलाओं की सभी महिलाओं ने गौठानों में ज्यादा से ज्यादा गोधन का वर्मी उत्पादन एवं वर्मी का विक्रय सुनिश्चित किया गया है। गौठान समिति को सक्रिय कर नियमित बैठक की कार्यवाही सुनिश्चित किया।
इससे महिलाअें की गौठान गतिविधि में सहभागिता बढ़ी है। जैविक कृषि को बढावा देना गौठान में पशुओं की उपस्थिति नियमित करना पैरा दान में प्रगति होगी। प्रदर्शिनी में महिलाओं की उत्साह बहुत ही सराहानी रहा है।

