जयपुर। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान राज्य में बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने तथा उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में मोटिवेट करने के उद्देश्य से विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन की घोषणा की गई। इस अवसर पर राउण्डग्लास सस्टेन द्वारा बनाई गई राजस्थान में वन्यजीवन पर आधारित तीन फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया।
विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग की शासन सचिव श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव तथा विज्ञान सर्वत्र पूज्यते के तहत विभाग द्वारा राज्य में 2 फरवरी से 28 फरवरी तक राजस्थान साइंस लिटरेचर फेस्टिवल आयोजित किया गया। इस फेस्टिवल के तहत बच्चों को रोचक तरीके से विज्ञान से जोड़ने के लिए सातों संभागों के सभी 33 जिलों में स्लोगन राइटिंग, इनोवेशन पिच सैशन, साइंस बुक सैशन, डिबेट प्रतियोगिताएं तथा अवसर जैसे कार्यक्रम आयोजित कराए गए। प्रत्येक जिले में स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने इन कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। साइंस लिटरेचर फेस्टिवल के समापन के अवसर पर इन प्रतियोगिताओं में पहले तीन स्थानों पर रहे प्रतिभागियों तथा राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के सभी तीस विजेताओं को ऑनलाइन प्रमाणपत्र भी दिये गये।
स्टोरी टेलिंग के साथ विज्ञान संचार की नई पहल
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर राजस्थान फिल्म साइंस फेस्टिवल का आयोजन भी किया गया। इसके तहत राउण्डग्लास सस्टेन के अभिनन्दन शर्मा द्वारा भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पर बनाई गई तीन फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। इन फिल्मों में भरतपुर वन्य जीव अभ्यारण्य पर आधारित फिल्म ‘विंग्स ऑफ वंडर‘, किंगफिशर पक्षी पर आधारित फिल्म ‘‘डैश ऑफ वाटर‘‘ और भरतपुर वन्य जीव अभ्यारण्य में सारस पर आधारित फिल्म ‘सॉन्ग्स ऑफ सोलबड्र्स‘ शामिल थीं। इन फिल्मों के जरिये राजस्थान की वन्य जीवों की खूबसूरती और जैव विविधता को स्टोरी के माध्यम से उकेरा गया। श्रीमती सिन्हा ने बताया कि विभाग द्वारा भारत के वन्य और प्राकृतिक जीवन की कहानियों को आमजन तक पहुंचाने की पहल करते हुए वाइल्ड लाइफ डे तथा राजस्थान दिवस पर भी फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा।
विज्ञान से जुड़े स्टार्ट-अप को मिलेगा प्रोत्साहन
श्रीमती सिन्हा ने कहा कि विभाग का फोकस विज्ञान संचार पर है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को विज्ञान से जोड़ा जा सके। इसके लिए विभाग द्वारा साल भर नियमित रूप से विज्ञान आधारित कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहेंगे। इसके तहत अगले माह जिंगल चैलेन्ज प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त स्टार्टअप टॉक सिरीज शुरू की जाएगी, जिसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्टअप हाइलाइट किये जाएंगे। इससे स्टार्टअप शुरू करने की इच्छा रखने वाले लोगों को जानकारी और मोटिवेशन मिलेगा। विभाग द्वारा विज्ञान स्टार्टअप पिच समिट-2022 का आयोजन भी किया जाएगा। इसके माध्यम से नए स्टार्टअप आइडियाज को पिचिंग का अवसर मिलेगा तथा कैश अवार्ड और मेन्टोरिंग भी उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए कई संस्थानों के साथ पार्टनरशिप की गई है।
श्रीमती सिन्हा ने बताया कि अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला उद्यमियों और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा। इससे महिलाओं को विज्ञान के क्षेत्र में प्रोत्साहन मिलेगा। कार्यक्रम के दौरान विभाग के नए लोगो का डिजाइन भी लॉन्च किया गया।
इस अवसर पर राउण्डग्लास सस्टेन के अभिनन्दन शर्मा, नेहा दारा तथा समरीन फारूकी के साथ विज्ञान संचार पर पैनल चर्चा की गई। बिजनेस हैड नेहा दारा ने कहा कि वन्यजीवन केवल जंगलों में नहीं होता। यह हमारे आस -पास सब जगह मौजूद है। उन्होंने कहा कि उनकी फिल्में वन्य जीवन के साथ मानव जीवन के सह अस्तित्व की रोचक कहानियां हैं, जो व्यक्ति को प्रकृति और वन्य जीवन से जोड़ती हैं।
इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग राज्य मंत्री श्रीमती जाहिदा शेख का संदेश भी पढ़कर सुनाया गया।
कार्यक्रम में विभाग के अधिकारियों के अतिरिक्त विभिन्न संस्थानों के शिक्षक, शोधार्थी तथा विद्यार्थियों ने ऑनलाइन भाग लिया।

