जयपुर. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की ओर से बजट पर सभी 200 विधायकों को गिफ्ट किये गये आईफोन 13 बीजेपी के लिए गले की हड्डी बन गये हैं. बीजेपी ने प्रदेश की खराब वित्तीय हालत का हवाला देते हुए उसी दिन ये फोन राज्य सरकार को वापस लौटाने का ऐलान कर डाला. इसके साथ ही पार्टी के सभी विधायकों से कह दिया गया कि वे आईफोन वापस करें. लेकिन पार्टी के फरमान के एक सप्ताह बाद अभी तक 71 में से केवल 46 विधायकों ने ही आईफोन जमा कराये हैं. शेष ने अभी तक वापस नहीं दिये हैं. इससे बीजेपी जग हंसाई की स्थिति में फंस गई है. अब एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि बुधवार तक सभी विधायक ये आईफोन लौटा देंगे.
दरअसल 23 फरवरी को अन्य विधायकों के साथ ही बीजेपी के विधायकों की भी उस वक्त बांछें खिल गई थीं जब बजट के तत्काल बाद उन्हें बैग में आईफोन 13 की सौगात मिली. बीजेपी विधायकों ने हंसी खुशी मोबाइल फोन कबूल कर लिए और मन ही मन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का शुक्रिया अदा भी कर दिया. वे आईफोन लेकर घर पहुंचे ही थे और मोबाइल में नई नई सिम डाली ही थी कि अचानक उनके मोबाइल पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का फरमान आ गया. इस फरमान में कहा गया कि प्रदेश की वित्तीय हालात खराब है. राज्य पर बहुत ज्यादा आर्थिक भार बढ़ गया है. इसलिए विरोध के तौर पर पार्टी ने आईफोन वापस करने का फैसला लिया है.
फिर क्या था विधायकों की खुशियां काफूर हो गईं. कई नेताओं के चेहरे लटक गए. दूसरे ही दिन ही ये आईफोन नेता प्रतिपक्ष के कक्ष में जमा होने शुरू हो गये. 2 दिन की कड़ी मेहनत के बाद सिर्फ 46 आईफोन ही वापस आ पाए. बाकी के लिए अभी लगातार विधायकों को फोन पर फोन किए जा रहे हैं. कुछ विधायक जी को फोन इतना पसंद आ गया कि वह हाथ से छूटने का नाम ही नहीं ले रहा है.
पार्टी प्रदेशाध्यक्ष पूनिया समेत पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और तमाम बड़े नेताओं ने ये फोन वापस जमा करा दिये हैं. लेकिन बीजेपी के कई विधायक अभी भी फोन से चिपके बैठे हैं. इस मसले पर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि बुधवार को विधायक दल की बैठक में अधिकांश फोन आ जाएंगे. यह पार्टी का फैसला है.

