महासमुंद
जिले में महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) ने बर्तन बैंक की शुरूआत के माध्यम से एक बार फिर से अपनी क्षमता दिखाई है। क्रॉकरी और खाना पकाने के बर्तनों को मामूली रकम पर उधार देने वाले ये बर्तन बैंक दरअसल गांवों में सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) पर प्रतिबंध से पैदा होने वाली दिक्कतों का समाधान हैं। स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं, जो स्वच्छाग्रही के रूप में दोहरी भूमिका निभाती हैं, ने स्टील/धातु की प्लेट और गिलास के साथ-साथ खाना पकाने के बर्तन खरीदने का उपाय निकाला, जिसे लोग शादी या अन्य पारिवारिक कार्यक्रमों के लिए उधार ले सकते हैं और काम खत्म हो जाने के बाद उन्हें एक नाममात्र के शुल्क के साथ बैंक को वापस कर सकते हैं।
