नई दिल्ली
भारत में कोरोनावायरस संक्रमण का ग्राफ एक बार फिर तेजी से बढ़ा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 24 घंटों में देश में 2 हजार 183 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 214 मरीजों की मौत हुई। नए आंकड़ों को मिलाकर कोविड-19 मरीजों की कुल संख्या 4 करोड़ 30 लाख 44 हजार 280 पर पहुंच गई है। वहीं, अब तक 5 लाख 21 हजार 965 मरीज जान गंवा चुके हैं। खास बात है कि एक दिन पहले ही देश में 1 हजार 150 नए मरीज मिले थे। इस लिहाज से एक दिन में मरीजों की संख्या में करीब 90 फीसदी का उछाल देखा गया है।
इससे पहले रविवार को भारत में कोविड-19 के 1,150 नए मामले सामने आए थे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. गौरतलब है कि देश में सात अगस्त 2020 को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी.
संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे. देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ के पार हो गए थे. पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी. इस साल 26 जनवरी को मामले चार करोड़ के पार पहुंच गए थे. भारत में अब तक 5,21,965 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. वहीं, देश में कोरोना के कुल 4,30,44,280 केस हैं.
चौथी लहर पर क्या बोले जानकार?
IIT कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल का मानना है कि भारत में कोविड-19 की चौथी लहर की संभावनाएं कम हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, 'कोविड-19 मामलों में इजाफा चौथी लहर को फिलहाल तैयार नहीं कर रही है।' दिल्ली, गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद समेत कई राज्यों में बढ़ रहे मामलों को लेकर उन्होंने कहा, 'मौजूदा बढ़त पाबंदियां हटने का नतीजा लग रही है। लग रहा है कि यह सामान्य स्थिति लौटने का परिणाम है।'
कोरोना से चीन के शंघाई में त्राहिमाम
चीन के फाइनेंशियल हब शंघाई में कोरोना ने जबरदस्त तबाही मचा रखी है. गुरुवार को यहां कोरोना के रिकॉर्ड 27 हजार से ज्यादा मामले सामने आए. हालांकि, 25 हजार से ज्यादा संक्रमितों में कोरोना का कोई लक्षण नहीं है. शंघाई में इतने ज्यादा मामले तब सामने आए हैं, जब एक दिन पहले ही राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने 'सख्ती' बरतने की बात कही थी.
शंघाई कोरोना की अब तक की सबसे बुरी मार से जूझ रहा है. चीन की 'जीरो कोविड पॉलिसी' के तहत यहां सख्त लॉकडाउन लगाया गया है. शंघाई की 2.5 करोड़ आबादी घरों में कैद है. सख्त लॉकडाउन के बावजूद भी यहां कोरोना के मामले थम नहीं रहे हैं. शंघाई में कोरोना के मामलों में जबरदस्त तेजी की वजह ओमिक्रॉन (Omicron) को माना जा रहा है.
कोरोना से शंघाई की हालत इतनी खराब हो गई है कि यहां अब संक्रमितों को रखने के लिए जगह नहीं बची है. स्कूलों और दफ्तरों की इमारतों को क्वारनटीन सेंटर में बदला जा रहा है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, क्वारनटीन सेंटर खचाखच भरे हुए हैं. यहां दो बिस्तरों के बीच एक हाथ का अंतर भी नहीं है.

