भोपाल
करप्शन कंट्रोल के लिए आनलाइन सर्विसेस को बढ़ावा दे रही सरकार अब चालान के जरिये होने वाले वित्तीय लेन देन में भी आॅनलाइन ट्रांजेक्शन को अधिक तवज्जो देगी। इसके लिए नेशनल टेÑड ट्रांजेक्शन की नीतियों को अपनाते हुए सर्विस प्रोवाइडर्स के माध्यम से मिलने वाली सेवाओं में लगने वाले शुल्क का आनलाइन ट्रांजेक्शन कराने ओटीसी (ओवर द काउंटर) सेवा शुरू करने की तैयारी है। एसबीआई पर इसके लिए रजिस्ट्रेशन के जरिये सेवाओं की शुुरुआत का पहला चरण विभागों को बताया जा रहा है और इस तकनीक को समझने के लिए कहा जा रहा है।
प्रदेश में आॅनलाइन ट्रांजेक्शन को और बढ़ावा देने अब ओवर द काउंटर (ओटीसी) की व्यवस्था शुरू की जाएगी। इसके लिए वित्त विभाग ने सभी विभागाध्यक्षों और निगमों को ओटीसी के लिए प्रोसेस बताने का काम शुरू कर दिया है जिसके बाद विभागों से मिलने वाली सेवाओं के लिए लोगों और कर्मचारियों को बैंकों में लाइन लगाने के बजाय सीधे पोर्टल पर आनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिये सुविधा लेने का मौका मिल सकेगा। ओवर-द-काउंटर एक द्विपक्षीय कांटेÑक्ट है जिसमें दो पार्टियां इस बात पर सहमत हो जाती हैं कि भविष्य में कोई विशेष व्यापार या समझौता कैसे किया जाएगा। यह आमतौर पर सीधे अपने ग्राहकों के लिए एक निवेश बैंक से होता है।
राज्य शासन द्वारा दी जाने वाले सेवाओं में सर्विस प्रोवाइडर चालान या अन्य तरीकों से शासन द्वारा निर्धारित शुल्क जमा कराने के बाद ही सेवाएं प्रदान करते हैं। इन सेवाओं के लिए शासन का शुल्क जमा करने के दौरान बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों में कंज्यूमर को लाइन लगने या जल्दबाजी के लिए एक्स्ट्रा पेमेंट करने की स्थिति बनती है जो कंज्यूमर के लिए फायदे की नहीं होती। इस व्यवस्था में सुधार के लिए अब वित्त विभाग विभागों की सेवाओं मे ओटीसी सिस्टम लागू करने जा रहा है। इसको लेकर ट्रेजरी संचालनालय द्वारा एसबीआई में रजिस्ट्रेशन करने और सेवाओं का लाभ लेने के लिए चालान पाने की प्रक्रिया विभागों को बताना शुरू कर दिया है।
संचालक कोष एवं लेखा राजीव सक्सेना बताते हैं कि डिजिटलीकरण के दौर में आनलाइन ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की दिशा में ये प्रयास शुरू किए गए हैं। इसके अंतर्गत जो भी व्यक्ति शासन द्वारा तय पोर्टल पर ट्रांजेक्शन के लिए रजिस्ट्रेशन करेगा, उसे चालान शुल्क जमा करने के बाद पोर्टल से एक रसीद का प्रिंट मिलेगा जिसे सर्विस प्रोवाइडर को देने के बाद उसे शासन द्वारा दी जाने वाली आनलाइन सुविधाओं का लाभ मिल जाएगा।
सरकारी कामकाज होगा आसान
वित्त विभाग के सचिव ज्ञानेश्वर पाटिल बताते हैं कि इस सेवा के सुचारू होने के बाद सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सरकार के ही निगम मंडल, नगरीय और पंचायत निकायों को चालान के जरिये मिलने वाले भुगतान हासिल करने में आसानी हो जाएगी। निकायों की सैलरी ओटीसी लागू होने के बाद सीधे खाते में पहुंचेगी। उसमें बैंक में चालान लगाने और लाइन की झंझट से राहत मिलेगी। पोर्टल पर आॅनलाइन चालान एंट्री के बाद संबंधित हेड (वित्तीय स्त्रोत) की स्थिति दिखाई देगी और सर्विस चाहने वाला व्यक्ति वित्त विभाग के संबंधित मद मे राशि ट्रांसफर कर सकेगा। यह व्यवस्था जल्द ही पूरी तरह लागू की जाएगी।

