भोपाल
जल-संसाधन, मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश मत्स्य महासंघ बोर्ड की बैठक भदभदा स्थित कार्यालय में संपन्न हुई।मंत्री सिलावट ने इस वर्ष मछली उत्पादन के लक्ष्य की पूर्ति नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 27 बड़े जलाशय महासंघ के पास होने के बाद भी यदि मछली उत्पादन के निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति नहीं होती है तो यह एक गंभीर चिंतन का विषय है। वर्ष 2021-22 में 12 हजार टन मछली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित था, जिसकी तुलना में केवल 8 हजार 400 टन ही मछली का उत्पादन हुआ है। इसके अतिरिक्त 4600 लाख फ्राइ के उत्पादन लक्ष्य का केवल 2942 लाख ही उत्पादन हुआ है।
मंत्री सिलावट ने निर्देश दिए हैं कि मछली उत्पादन को बढ़ाया जाए और लक्ष्य की पूर्ति के लिए एमडी सहित सभी अधिकारी फील्ड में निरीक्षण करें। सिलावट ने कहा की मछुआ समाज के लिये चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचे। इसके लिये सभी अधिकारी मछुआ समितियों के सदस्यों से संवाद करें और योजनाओं से अवगत करायें। मंत्री सिलावट ने निर्देश दिये कि झींगा पालन की योजना में केवल स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए और योजना का लाभ दिया जाए।
बोर्ड बैठक में महासंघ के कर्मचारियों को इस वर्ष अग्रेसिया (बोनस) का भुगतान और 1 मार्च 2022 से 11 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिये जाने का निर्णय लिया गया। साथ ही रिटायर्ड कर्मचारियों को विभाग के उपयोगी होने पर एक साल के लिये संविदा पर रखने की स्वीकृति भी प्रदान की गई।
प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव ने कहा कि मछुआ समितियों के सदस्यों को दी जाने वाली सब्सिडी और अन्य योजनाओं का लाभ समारोह पूर्वक कर प्रदान की जाए। इसके लिये प्रदेश में एक साथ कार्यक्रम आयोजित हो।
संचालक मत्स्य पालन भरत सिंह, वित्त विभाग सहकारिता विभाग और अन्य सदस्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
मीनाक्षी योजना
मछुआ समिति के सदस्यों के लिये चलाई जा रही मीनाक्षी योजना में 20 हजार रूपये की राशि कन्या विवाह में दी जाती है। मुख्यमंत्री कन्या योजना के साथ यह विवाह आयोजित कराये जाए। इस प्रकार कुल 75 हजार की राशि योजना में हितग्राही को मिल सकेगी।

