गोरखपुर
गोरखपुर नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले लोगों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी राहत दिला दी है। जीआईएस सर्वेक्षण के तहत नगर निगम के सभी भवनों पर नए सिरे से टैक्स लगाने की पूरी प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है। फिलहाल नगर निगम क्षेत्र के लोग पुरानी दर पर ही टैक्स जमा कर सकते हैं। मेयर सीताराम जायसवाल ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में लाए जाने और शासनस्तर पर वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया है। महानगर में नगर निगम ने जीआईआईएस सर्वेक्षण कराकर गृहकर, जलकर और सीवर कर से संबंधित भवन स्वामियों को नोटिस जारी किए गए थे। इस नोटिस में तमाम अनियमिताएं पाई गईं।
अधिकारियों के इस मनमाने कदम से महानगर वासियों में काफी रोष था। लिहाजा मुख्यमंत्री और शासन स्तर पर वार्ता कर नगर आयुक्त नगर निगम और समस्त संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जीआईएस सर्वे के द्वारा लगाए गए करों की जांच कराएं।
वितरित किए गए सभी नोटिस को करें स्थगित
इस प्रक्रिया में अब तक वितरित किए गए सभी नोटिस को नगर निगम प्रशासन स्थगित करें। शेष नोटिस का वितरण रोकने के साथ ही पूरी प्रक्रिया स्थगित की जाती है। भविष्य में शासन द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में नियमानुसार कर निर्धारण की कार्यवाही अलग से की जाएगी। सीएम के संज्ञान में मामला आने के बाद लोगों को राहत मिलने के फैसले का शहरवासियों ने स्वागत किया है।
एक लाख लोगों को अभी भेजा जाना था नोटिस
नगर निगम द्वारा जीआईएस सर्वेक्षण में 1.60 लाख भवनों को करारोपण के दायरे में लाया था। इनमें से 60 हजार भवन मालिकों को नोटिस वितरित किए जा चुके थे। नोटिस वितरण के साथ ही तमाम खामियां सामने आने लगी थीं। 2000 से अधिक लोगों ने 100 रुपये शुल्क जमाकर नगर निगम में आपत्तियां दाखिल की हैं। नगर निगम के उप सभापति ऋषि मोहन वर्मा ने भी इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। उनके हस्तक्षेप पर नगर आयुक्त ने आपत्तियां लेने की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा था। अब इन लोगों को राहत मिल गई है।

