पटना
मध्य विद्यालय शेखपुरा में आठ सौ बच्चे नामांकित हैं, लेकिन इनमें छह सौ बच्चे ऐसे हैं जो बिना किताब पढ़े अर्द्धवार्षिक परीक्षा देंगे। प्राथमिक विद्यालय चौधरी टोला में 129 बच्चे हैं। इनमें सौ से अधिक बच्चे हैं जो बिना किताब पढ़े परीक्षा में शामिल होंगे।
कन्या मध्य विद्यालय बड़ा अस्पताल पीएमसीएच में 110 बच्चे नामांकित हैं। इसमें 80 से अधिक बच्चों के पास किताबें नहीं हैं। यह स्थिति पटना जिले के ज्यादातर स्कूलों की है। बच्चों को न तो किताबें मिलीं और ना ही किताब खरीदने के लिए पैसे ही दिये गये। जिलेभर की बात करें तो एक से पांचवीं तक 70 फीसदी के लगभग और छठी से आठवीं कक्षा तक 60 फीसदी बच्चों के पास किताबें नहीं हैं। अब 12 अक्टूबर से शुरू हो रही अर्द्धवार्षिक परीक्षा में इन्हें शामिल होना है।
मई-जून तक मिल जानी थी किताबें ज्ञात हो कि अप्रैल में सत्र 2022-23 की शुरुआत हुई लेकिन बिना किताब के ही बच्चे कक्षाओं में बैठने लगे। बच्चों को समय पर किताबें मिले, इसके लिए जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से कैंप लगाया जाना था पर कैंप नहीं लगा।

