भोपाल
स्मार्ट सिटी भोपाल ने स्मार्ट पोल प्रोजेक्ट के तहत शहर में 26 हजार स्ट्रीट लाइटें लगाई थीं। स्मार्ट सिटी ने इस प्रोजेक्ट पर 640 करोड़ रुपए खर्च किए थे। वहीं हर साल नगर निगम शहर में लगी स्ट्रीट लाइटोें के मेंटेनेंस पर करीब 12 करोड़ रुपए फूंक रहा है। इसके बावजूद आधा शहर अंधेरे की गिरफ्त में हैं। चूंकि रोशनी का पर्व दीपावली आने ही वाला है। ऐसे में शहर की सड़कों पर अंधेरा पसरा रहेगा। निगम विद्यूत विभाग के इंजीनियर भी बात को स्वीकारते हैं कि शहर की 30 प्रतिशत स्ट्रीट लाइटें बंद है। जिनको बदला जाना है, लेकिन निगम का मेंटेनेंस स्टॉक पूरी तरह खत्म हो चुका है। लिहाजा आने वाले दीपों के पर्व में शहर की सड़कों पर अंधेरा छाया रहेगा। शहरवासियों को दीपावली अंधेरे में मनानी पड़ेगी। जानकारी के अनुसार शहर में कुल 70 हजार स्ट्रीट लाइटें हैं। इनमें स्मार्ट सिटी, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, हाउसिंग बोर्ड और बीडीए हैं। जिनके मेंटेनेंस का जिम्मा भी अलग-अलग विभागों पर हैं। निगम के चीफ इंजीनियर आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि मेंटेनेंस रिपेयरिंग के लिए उपकरणों की खरीदी की जानी है। इसके लिए 50 लाख का टेंडर निकाला गया है। जल्द ही खराब स्ट्रीट लाइटों बदला जाएगा।
इन इलाकों छाया अंधेरा
अरेरा कॉलोनी, चार इमली, शक्ति नगर, साकेत नगर, कोलार, पुराना शहर आदि क्षेत्रों की सड़कों पर लगी अधिकांश स्ट्रीट लाइटें बंद और खराब हैं। जिनको बदला जाना है। इनको बदलने के लिए मेंटेनेंस उपकरणों की खरीदी के लिए 50 करोड़ का टेंडर जारी किया गया है।
सालाना 12 करोड़ हो रहे मेंटेनेंस पर खर्च…
नगर निगम के अधीन आने वाली स्ट्रीट लाइटें के मेंटेनेंस पर नगर निगम के इंजीनियर सालाना 12 करोड़ रुपए मेंटेनेंस पर खर्च कर रहे हैं। अफसरों का कहना है कि आंधी तूफान के कारण शहर की 30 प्रतिशत स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। जिनका बदला जाना हैं।

