Tuesday, December 2

महिलाएं खुद से कर सकती है ब्रेस्ट कैंसर की पहचान

महिलाएं खुद से कर सकती है ब्रेस्ट कैंसर की पहचान


अक्टूबर का महीना ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के माह के रूप में मनाया जाता है या इसे पिंकटूबर  कहा जाता है। हाल-फिलहाल में ब्रेस्ट कैंसर को लेकर काफी जागरूकता फैलाई गई है।

लगभग 90% ब्रेस्ट कैंसर की पहचान महिलाएं खुद से करती हैं। समय पर इसका पता चलने से न केवल ब्रेस्ट बच जाता है, बल्कि जिंदगी भी बच जाती है। इसलिए, ब्रेस्ट की स्वयं से जांच करने के महत्व को कम नहीं आंका जा सकता।

 डॉक्टर के अनुसार, 20 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को मासिक रूप से खुद से ब्रेस्ट की जांच (बीएसई) शुरू कर देनी चाहिए। यह बेहद जरूरी है कि ब्रेस्ट से संबंधित किसी भी प्रकार के लक्षण को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

​30-40 साल की महिलाओं के लिए साल में एक बार जांच जरूरी
30-40 साल की उम्र की महिलाओं को क्लीनिकल ब्रेस्ट एग्जामिनेशन (सीएसई) करना चाहिए, मासिक रूप से बीएसई के साथ साल में एक बार हेल्थ प्रोफेशनल से जांच करवाना चाहिए। 40 साल से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को साल में एक बार क्लीनिकल ब्रेस्ट एग्जामिनेशन, मोमोग्राम करवाना चाहिए और साथ ही मासिक बीएसई भी कराना जरूरी है। मेनोपॉज से गुजर रहीं महिलाएं हर महीने के एक तय दिन पर इसे कर सकती हैं।

​कब की जा सकती है ब्रेस्ट की जांच
खुद से ब्रेस्ट की जांच माहवारी के 3-4 दिनों के बाद मासिक रूप से किया जाना, उचित होता है, जब ब्रेस्ट कोमल होते हैं और उनमें सूजन नहीं होती। बीएसई के दो हिस्से होते हैं- देखना और महसूस करना।

​कैसे की जाती है ब्रेस्ट की जांच
महिला को आईने के सामने खड़े होकर अपने ब्रेस्‍ट को देखना चाहिए। क्या ब्रेस्ट का आकार और बनावट एक जैसी है या कोई बदलाव नहीं हुआ है। एक ब्रेस्ट से दूसरे ब्रेस्ट का आकार में बड़ा होना सामान्य बात है। मासिक जांच से एक महिला को यह जानने में मदद मिलती है कि उसके लिये सामान्य क्या है। उसे अपनी त्वचा का रंग और टेक्‍सचर भी नोट करना चाहिए।

​इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
वह इसे सबसे पहले अपने बाजुओं को दोनों किनारे पर लाकर, उन्हें हवा में उठाकर और आखिरकार अपने हाथों को अपने हिप्स के नीचे तक लाते हुए और अपनी चेस्ट की मांसपेशियों को फुलाते हुए करती हैं। उन्हें यह देखना चाहिए कि दोनों ब्रेस्ट एक ही स्तर पर हैं, इसी तरह निप्पल को भी जांचें। निप्पल में बदलाव, पक रहा हो, अल्सर या फिर निप्पल डिसचार्ज हो रहा हो। बगलों या गर्दन में किसी प्रकार की सूजन हो तो इस पर गौर करना चाहिए।

​डिस्चार्ज का रखें ध्यान
फिर इसके बाद धीरे-धीरे अपनी उंगलियों के ऊपरी हिस्से को गोलाकार क्लॉकवाइज रूप से ब्रेस्ट को ऊपरी, निचले, बाहरी और अंदरूनी हिस्से में विभाजित करें और निप्पल एरोला कॉम्प्लेक्स और किसी प्रकार के असामान्य गांठ या दर्द को महसूस करें। इस बात पर ध्यान दें कि किसी प्रकार का डिस्चार्ज, खासकर किसी भी निप्पल से रक्त जैसा। अब अपनी जांच को बगलों की तरफ ले जाकर खत्म करें।

सख्त महसूस होने वाले ब्रेस्ट में गांठ
ब्रेस्ट की बनावट में बदलाव
ब्रेस्ट के ऊपर डिंपल बनना या पक जाना
निप्पल में सूजन या रक्त जैसा डिसचार्ज आना
निप्पल का अंदर की ओर धंस जाना
जब कुछ गलत लगे तो महिलाओं को समय पर जांच और चिकित्सक के पास जाना याद रखना चाहिए।

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