भोपाल
प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों की प्रवेश को लेकर स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं हैं। उनकी कोर ब्रांच तक में गिनती के प्रवेश हो रहे हैं। एआईसीटीई ने कॉलेजों को अपनी ब्रांच सरेंडर कर उनके स्थान पर इमर्जिंग एरिया की ब्रांच लेकर प्रवेश कराने की व्यवस्था कर दी है। क्योंकि एआईसीटीई ने नई ब्रांच और कॉलेज खोलने पर रोक लगा रखी है।
मैकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रानिक सहित अन्य कोर ब्रांच में विद्यार्थियों के प्रवेश नहीं हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ एआईसीअीई ने नये कॉलेज और नये ब्रांच को खोलने पर रोक लगा रखी है। इमर्जिंग एरिया की करीब डेढ दर्जन ब्रांच में प्रवेश कराने के लिए एआईसीटीई ने एक फार्मूला तैयार किया है। इससे सीटों में बढ़ोतरी भी नहीं होगी और कॉलेजों को नये ब्रांच भी मिल जाएंगे। एआईसीटीई ने आदेश जारी किया कॉलेजों की सीटों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी और उन्हें नये ब्रांच को खोलने की स्वीकृति भी प्रदान नहीं की जाएगी, लेकिन कॉलेज ऐसे ब्रांच को सरेंडर कर सकते हैं, जिनमें बहुत कम प्रवेश हो रहे हैं। उनकी एवज में एन्हें इमर्जिंग एरिया की ब्रांच की मंजूरी दी जाएगी। एआईसीटीई ने इमर्जिंग एरिया की ब्रांच की मंजूरी देकर आॅफलाइन इंस्पेक्शन कराएगा। इंस्पेक्शन की फाइनल रिपोर्ट के बाद एआईसीटीई उन्हें नये ब्रांच की सीटों पर प्रवेश कराने मंजूरी देगा।
ये हैं इमर्जिंग एरिया के तहत ब्रांच
इमर्जिंग एरिया इंटरनेट आॅफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, बिजनेस एनालिटिक्स, लॉजिस्टिक एंड सप्लाई चेन मैनेजमेंट, इनोवेशन एंटरप्रेन्योरशिप एंड वेंचर डवलपमेंट, डाटा साइंस, रोबोटिक्स, बाल्क चैन और साइबर सिक्योरिटी सहित अन्य ब्रांच भी हैं। एआईसीटीई मध्यक्षेत्र में गुजरात, छत्तीसगढ और मप्र शामिल हैं। तीनों राज्यों से बड़ी संख्या में कॉलेज हैं। वे अपनी पुरानी ब्रांच सरेंडर कर इमर्जिंग एरिया की ब्रांच की लेने के लिये आवेदन कर पाएंगे। मप्र में करीब 150 कॉलेज हैं। इसमें सिर्फ कॉलेजों की ब्रांच बदलेंगी, लेकिन सीटों में ज्यादा इजाफा नहीं हो सकेगा।
आॅफलाइन इंस्पेक्शन
एआईसीटीई ने दो साल के कोरोना काल में एक भी आॅफलाइन इंस्पेक्शन नहीं कराया है। अब कोरोना संक्रमण नियंत्रित हो गया है, जिसके चलते नये ब्रांच मिलने के कारण एआईसीटीई आॅफलाइन इंस्पेक्शन करा सकता है।

