Saturday, December 27

अहिल्याबाई की भी विश्वनाथ धाम में होगी प्रतिमा, जानें- क्यों 18वीं सदी की रानी को महत्व दे रही भाजपा

अहिल्याबाई की भी विश्वनाथ धाम में होगी प्रतिमा, जानें- क्यों 18वीं सदी की रानी को महत्व दे रही भाजपा


वाराणसी
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का पीएम नरेंद्र मोदी उद्घाटन करने वाले हैं। काशी विश्वनाथ धाम पूरी तरह से नया हो चुका है और 5 लाख स्क्वायर फीट में यह फैला हुआ है। 900 करोड़ रुपये की लागत से बने इस प्रोजेक्ट कई कई आकर्षण हैं, लेकिन कुछ प्रतीक भी हैं, जो बड़ा संदेश देते हैं। इनमें से ही एक हैं- शंकराचार्य, भारत माता और अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमाएं। भारत माता की प्रतिमा के जरिए भाजपा के नेतृत्व वाली यूपी सरकार ने राष्ट्रवाद को उकेरना का प्रयास किया है, जबकि शंकराचार्य के माध्यम से हिंदुत्व का संदेश देने की कोशिश है। हालांकि ऐसा पहली बार है, जब ऐसे किसी स्थान पर अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा लगाई जा रही है। 18वीं सदी की रानी रहीं अहिल्याबाई होलकर को बड़ी संख्या में मंदिरों के निर्माण के लिए इतिहास में जाना जाता रहा है। हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐसा पहली बार है, जब किसी धार्मिक स्थान पर उनकी प्रतिमा लग रही हो और उनके जरिए किसी तरह का राजनीतिक संदेश देने का प्रयास किया जा रहा हो। मराठा रानी अहिल्याबाई होलकर की राजधानी इंदौर के दक्षिण में स्थित महेश्वर में थी, जो मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के किनारे स्थित था। कुशल योद्धा और प्रशासक होने के साथ ही अहिल्याबाई होलकर मंदिरों के निर्माण और उनके पुनरुद्धार के लिए चर्चित रही हैं।

अहिल्याबाई होलकर का काशी विश्वनाथ धाम से भी कनेक्शन रहा है। मंदिर का जो मौजूदा स्वरूप है, उसका निर्माण 1780 में अहिल्याबाई होलकर ने ही कराया था। इसके बाद 19वीं सदी में महाराजा रणजीत सिंह ने सोने का छत्र चढ़ाया था। यही वजह है कि पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे के वक्त बड़ी संख्या में महारानी अहिल्याबाई होलकर के पोस्टर देखने को मिल रहे हैं। बता दें कि भाजपा की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी को आजादी के बाद से अब तक का सबसे बड़े हिंदूवादी लीडर के तौर पर प्रोजेक्ट करने की कोशिश की जा रही है। केदारनाथ में शंकराचार्य की प्रतिमा, राम मंदिर निर्माण और अब काशी कॉरिडोर से लेकर अन्य तमाम प्रोजेक्ट्स तक को इसी नजरिए से देखा जा रहा है।  

'दिव्य काशी, भव्य काशी' अभियान की है बड़ी तैयारी
पीएम नरेंद्र मोदी 2014 से ही काशी के सांसद हैं और वह यहां एक-एक प्रोजेक्ट की निजी तौर पर निगरानी कर रहे हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण उनका ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है और उसकी हर अपडेट वह लगातार लेते रहे हैं। यूपी चुनाव से ठीक पहले इसके उद्घाटन से एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र को तोहफा देने जा रहै हैं तो वहीं योगी के लिए भी यह चुनावी राह आसान करने की एक कवायद है।

 

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