भोपाल
पर्यावरण का संरक्षण करना हमारा सबका फर्ज है। आज वायु प्रदूषण एक विकराल और लाइलाज समस्या बनती जा रही है। आंकड़े बताते हैं कि वायु प्रदूषण के कारण दुनिया में हर साल लगभग 20 लाख लोग अपनी जान गंवाते हैं। पराली जलाई जा रही है। कपड़ा जलाया जा रहा है। प्लास्टिक जलाया जा रहा है। इन सब से वातावरण अशुद्ध होता जा रहा है।
पर्यावरण असंतुलन एक विश्वव्यापी गंभीर समस्या बनती जा रही है। कैसी विडंबना है कि आज पर्यावरण शुद्व है, मगर हर चेहरे पर मास्क लगा है। कोरोना महामारी में कोरोना कर्फ्यू और लॉकडाउन लगने से पर्यावरण शुद्ध हो गया था। लेकिन लॉकडाउन खुलते ही पर्यावरण फिर से दूषित होने लगा। यह बात युवा कम्यूनिकेटर आशी चौहान पर्यावरणीय पाठशाला में बच्चों को पोस्टर, नुक्कड़ और खेल के माध्यम से बताई। दरअसल युवा कम्यूनिकेटर आशी चौहान पर्यावरण को लेकर लगातार जागरुकता अभियान चला रही है। इसी के चलते शहर के आसपास के गांवों में जाकर शिविर लगाकर लोगों को पर्यावरण के महत्तव को समझा रहीं है।
एक दिन में नहीं बदलेगी तस्वीर
आशी चौहान ने कहा कि, केवल मात्र एक दिन पर्यावरण के संरक्षण के लिए संकल्प लिए जाते हैं। स्कूलों, कालेजों और स्वयंसेवी सस्थाओं द्वारा रैलियां निकाली जाती हैं। सेमिनारआयोजित किए जातें हैं। फिर पर्यावरण को प्रदूषित करके इसकी धज्जियां उड़ाई जाती है।
पर्यावरण का संरक्षण हमारा नैतिक कर्तव्य है। आज पूरी दुनिया में वायु प्रदूषण जानलेवा साबित होता जा रहा हैै। चंद लोगों की जानबूझकर की गई गलतियों से पूरे वातावरण में प्रदूषण फैल रहा है। इंसान अपनी गलतियों के चलते ही सांसों से संबंधित बीमारियों और अन्य लाईलाज बीमारियों से ग्रस्त हो रहा है। यह सब पर्यावरण प्रदूषण का ही नतीजा है। ऐसे में पर्यावरण को लेकर एक दिन में तस्वीर नहीं बदली जा सकती है।
सरकार रद्द करें लायसेंस
सड़कों पर दौड़ने वाले वाहनों के धुएं के कारण भी जनमानस को नुकसान हो रहा है। ऐसे वाहन चालकों के लाइसेंस रदद करने चाहिए, जो ऐसे जानलेवा कार्यों को अंजाम देतें है। ऐसे लोगों कि छोटी सी गलती कितने लोगों का अहित कर रही है। आज भले ही पूरे भारत में स्वच्छता अभियान को लेकर कार्यक्रम चल रहे हैं, मगर इन लोगों को इस से कोई सरोकार नहीं है।

