बुल्गारिया
बुल्गारिया में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर गए हैं। बुल्गारिया की सरकार में भ्रष्टाचार को लेकर लोगों का गुस्सा फूटा है। बुल्गारिया की राजधानी सोफिया में हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए और प्रधानमंत्री रोसेन जेलियाजकोव के इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। वहीं, जनता के गुस्से के आगे पीएम जेलियाजकोव को इस्तीफा देना पड़ा। बुल्गारिया के प्रधानमंत्री रोसेन जेलियाजकोव ने गुरुवार को इस्तीफ़ा दे दिया। नेशनल असेंबली में अपनी कैबिनेट के इस्तीफे की घोषणा करते हुए जेलियाजकोव ने कहा, "हम नागरिकों की आवाज सुनते हैं; हमें उनकी मांगों के लिए आवाज उठानी चाहिए। युवा और बुजर्ग दोनों ने इस्तीफे के पक्ष में अपनी आवाज उठाई। इस नागरिक भावना को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा, "लेकिन, आगे एक चुनौती है। प्रदर्शनकारियों को यह बताना होगा कि वे सरकार की कैसी रूपरेखा देखना चाहते हैं। देश के नागरिकों को विरोध करने वाले नेताओं से यह मांग करनी चाहिए। यह एक ऐसी सरकार की मांग है जो पिछली सरकारों की उपलब्धियों पर आगे बढ़े, लेकिन एक अच्छे बदलाव के जरिए।"
बुधवार को सोफिया में, प्रदर्शनकारी संसद, सरकारी और राष्ट्रपति भवन के पास एक सेंट्रल चौक पर इकट्ठा हुए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रोटेस्ट करने वालों ने संसद भवन पर "इस्तीफा, माफिया जाओ और निष्पक्ष चुनाव" जैसे शब्द प्रोजेक्ट करने के लिए लेजर का इस्तेमाल किया। मीडिया ने ड्रोन फुटेज के आधार पर अनुमान लगाया है कि विरोध करने वालों की संख्या 100,000 से ज्यादा थी। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि बुल्गारिया की राजधानी में 150,000 तक लोग जमा हुए थे।
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान सोफिया के विश्वविद्यालयों के स्टूडेंट्स भी शामिल हुए। विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि पिछले हफ्ते भी ऐसे विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था, जिसमें 50,000 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। इस प्रदर्शन में ये संख्या उससे ज्यादा थी। बुल्गारिया के 25 से ज्यादा बड़े शहरों में अलग-अलग जगहों पर इस तरह के विरोध प्रदर्शन हुए, जिनमें प्लोवदिव, वर्ना, वेलिको टार्नोवो और रजग्राद शामिल हैं। प्लोवदिव में, सैडिनेनी स्क्वायर पर हजारों की संख्या में लोग जमा हुए। बर्गास में भी एक विरोध प्रदर्शन हुआ, जहां लगभग 10,000 लोग इकट्ठा हुए और एक वीडियो वॉल पर स्केच और वीडियो प्रोजेक्ट करके अपनी मांगें रखीं।
रोसेन जेलियाजकोव पांच साल में इस पद पर आने वाले छठे व्यक्ति थे। बता दें कि लोगों का विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ, जब सरकार ने आने वाले साल के लिए एक विवादित ड्राफ्ट बजट पेश किया। इस बजट में इनकम टैक्स और सोशल सिक्योरिटी कंट्रीब्यूशन दोनों बढ़ाने का जिक्र था। सरकार लोगों का खर्च बढ़ाने के एक बड़े प्लान को फंड करने के लिए ये करना चाहती थी। ऐसे में विपक्षी दलों और आम नागरिकों ने इस ड्राफ्ट का विरोध शुरू कर दिया।
