नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने सिर्फ एक्सप्रेस्वे ही नहीं, बल्कि साल 2018 से उत्तर प्रदेश के लिए 60 हजार करोड़ के हाइवे प्रोजेक्ट्स पर भी विचार किया है. इसमें आधी से ज्यादा राशि वाले प्रस्तावों पर इस चुनावी साल में विचार किया गया है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गुरुवार को संसद में एक लिखित जवाब में कहा कि इन सभी प्रोजेक्ट को मिलाकर उत्तर प्रदेश में 2,800 किलोमीटर लंबे नए राजमार्ग बनाए जाएंगे. मंत्रालय की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में यूपी में प्रोजेक्ट्स के लिए प्रस्तावों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ और साथ ही उन्हें तेजी से मंजूरी भी मिली. वित्त वर्ष 2021-22 में 28,700 करोड़ की राशि वाले प्रोजेक्ट्स का मसौदा केंद्र को सौंपा गया है. बता दें कि इसी वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं.उदाहरण के लिए – केंद्र सरकार ने यूपी में 450 किलोमीटर लंबे हाइवे प्रोजेक्ट को 2018-19 में मंजूरी दी, जिस पर 9281 करोड़ खर्च किए जाने वाले थे. राज्य में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद उत्तर प्रदेश पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट और NHAI ने 2018-19 में प्रोजेक्ट का मसौदा केंद्र सरकार को भेजा. 2019-20 में केंद्र सरकार ने राज्य में 750 किलोमीटर लंबे एक और हाइवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दी, जिस पर 9,203 करोड़ रुपये खर्च किए जाने थे. वहीं 2020-21 में 13,749 करोड़ से ज्यादा की लागत वाले प्रोजेक्टस को मंजूरी दी गई है. ये सभी प्रस्ताव यूपी पीडब्ल्यूडी और NHAI की ओर से केंद्र सरकार को भेजे गए और तीनों को केंद्र ने मंजूरी दी है.
केंद्र और योगी आदित्यनाथ सरकार यूपी में डबल इंजन की सरकार पर जोर देती रही हैं. दोनों सरकारों का कहना है कि एक ही पार्टी की राज्य और केंद्र में सरकार होने की वजह से विकास कार्यों में तेजी आई है.
उत्तर प्रदेश में पीडब्ल्यूडी और NHAI की ओर से इस वित्तीय वर्ष में हाइवे प्रोजेक्ट्स के लिए बड़ी संख्या में प्रस्ताव आए हैं. NHAI ने 20,926 करोड़ के 502 किलोमीटर लंबे हाइवे प्रोजेक्ट का प्रस्ताव सौंपा है, वहीं पीडब्ल्यूडी ने 7,787 करोड़ की लागत वाले 543 किलोमीटर लंबे हाइवे प्रोजेक्ट का प्रस्ताव सौंपा है. दोनों प्रोजेक्ट की लागत को देखें तो ये राशि 28,700 करोड़ की है. केंद्र सरकार ने इस साल अभी तक 6 हजार करोड़ से ज्यादा के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. ये जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में साझा कीं.

