Friday, December 26

चंदैनी गोंदा, जिसमें उदघोषणा ही स्क्रिप्ट का काम करती थी: देशमुख

चंदैनी गोंदा, जिसमें उदघोषणा ही स्क्रिप्ट का काम करती थी: देशमुख


भिलाई
चंदैनी गोंदा के प्रथम उदघोषक एवं सूत्रधार डॉ. सुरेश देशमुख द्वारा लिखित एवं संपादित ग्रंथ झ्र चंदैनी गोंदा : छत्तीसगढ़ की एक सांस्कृतिक यात्रा, दाऊ रामचंद्र देशमुख (व्यक्तित्व एवं कृतित्व) पर एक विचार-गोष्ठी का आयोजन चिन्हारी-लोक सांस्कृतिक मंच, गुंडरदेही के संचालक देवेन्द्र कुमार देशमुख के निवास-स्थान में किया गया।

स्वागत उद्बोधन के उपरांत घरोदिहा वक्ता के रूप में ग्राम पैरी के सुप्रसिद्ध कवि, गायक और गीतकार सीताराम साहू श्याम और मानस मंजूषा, बालोद के संपादक डॉ. जगदीश देशमुख ने अपने विचार प्रस्तुत किये। पहुना वक्ता के रूप में जिला पंचायत धमतरी के प्रसार-प्रचार अधिकारी डुमनलाल ध्रुव ने नारायणलाल परमार और त्रिभुवन पांडेय के सानिध्य में रहकर प्राप्त किये संस्मरणों का उल्लेख किया।

दुर्ग से आये छन्द के छ के संस्थापक बताया कि उन्हें चंदैनी गोंदा के मंचीय प्रदर्शनों के अलावा ग्राम बघेरा में होने वाली रिहर्सल को भी प्रत्यक्ष देखने का सौभाग्य प्राप्त है। उन्होंने कहा कि दाऊ जी कला के पारखी थे उन्होंने लक्ष्मण मस्तुरिया, खुमानलाल साव, गिरिजाकुमार सिन्हा, संतोष टांक, भैयालाल हेडाऊ, केदार यादव, साधना यादव, अनुराग ठाकुर, कविता वासनिक जैसे, ऐसे कलाकारों की खोज की जिनका विकल्प विगत पचास वर्षों में छत्तीसगढ़ में पैदा नहीं हो पाया है। उन्होंने चंदैनी गोंदा के अनेक आयामों पर विस्तार से जानकारियाँ दीं।

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