जयपुर । बाल अधिकारिता मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने राज्य की बाल कल्याण समितियों के अध्यक्षगणों के साथ संवाद करते हुए कहा कि राजस्थान में बालक.बालिकाओं के लिए भय मुक्त वातावरण तैयार करने की ठान लें। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राज्य सरकार ने 25 हजार आंगनबाड़ियों को नंदघर के रूप विकसित करने के लिए वेदान्ता समूह के साथ एमओयू किया गया है ताकि आंगनबाड़ी केन्द्रों को आधुनिक शिक्षण और सुविधा युक्त बनाया जा सके। इसी प्रकार बाल कल्याण समितियाओं के अध्यक्षगण भी जज़्बातो के सीएसआर फण्ड का योगदान करवाकर कार्य करें।
श्रीमती भूपेश ने बाल कल्याण समितियों की प्रशासनिक कार्य. प्रणाली दस्तावेजीकरण एवं विभिन्न विभागों/एजेंसियों के साथ प्रभावी समन्वय विषय पर बाल अधिकारिता विभाग की ओर से गुरुवार को जयपुर स्थित हरिशचन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान (एच.सी.एम. रीपा.) में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में उक्त बात कही। उन्होंने बच्चों के कल्याण और संरक्षण के लिए बाल कल्याण समितियों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिये स्थापित किये गये बाल अधिकारिता विभाग के माध्यम से 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के संरक्षण से जुड़े कानूनों एवं योजनओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में बाल अधिकारिता मंत्री ने बाल कल्याण सतिति के संचालन में आ रही समस्याओं एवं चुनौतियों को सुना एवं राज्य सरकार की ओर से समितियों के प्रभावी संचालन के लिये आवश्यक कदम उठाने के आश्वासन दिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में श्री गजानन्द शर्मा आयुक्त बाल अधिकारिता विभाग श्रीमती रीना शर्मा अतिरिक्त निदेशक बाल अधिकारिता विभाग राजेश यादव सीनियर फैलोंए बाल संदर्भ केंद्र उपस्थित रहे।

