Monday, December 29

CM गहलोत का दिल्ली दौरा, 5 राज्यों के चुनाव के बाद भाजपा की सेंधमारी को रोकने के लिए मंथन

CM गहलोत का दिल्ली दौरा, 5 राज्यों के चुनाव के बाद भाजपा की सेंधमारी को रोकने के लिए मंथन


जयपुर
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को दिल्ली दौरे पर रहे। राहुल गांधी के निवास पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सीएम अशोक गहलोत की अहम बैठक हुई। बैठक के बाद सीएम गहलोत ने मीडिया से कहा कि 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन हुआ है। क्या स्थिति रही और आगे क्या करना है, आने वाले समय में क्या रणनीति रहेगी और कांग्रेस के सदस्यता अभियान लेकर बातचीत हुई। सूत्रों के माने तो 5 राज्यों के विधायक प्रत्याशियों को कैसे सुरक्षित रखा जाए। इसको लेकर भी चर्चा हुई है। 5 राज्यों के चुनाव बाद भाजपा की कांग्रेस विधायकों में सेंधमारी के लिए किलेबंदी शुरू करने पर मंथन हुआ।

शहरी रोजगार गांरटी योजना पर मंथन
सीएम गहलोत प्रेस वार्ता में कहा कि 5 राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर भी गंभीर चर्चा की है। इसे योजनाबद्ध तरीके से अमलीजामा पहनाने की कोशिश पार्टी कर रही है। चर्चा इस पर भी की गई कि चुनाव बाद की परिस्थितियों से कैसे डील करना है। सीएम ने कहा कि शहरी रोजगार गारंटी योजना को लेकर कांग्रेस कार्यसमिति तय करेगी।  छत्तीसगढ़ की गोधन योजना को लेकर पार्टी गंभीर है हाल में बजट में सीएम ने विभिन्न योजनाओं खासकर पुरानी पेंशन योजना की बहाली की बात कही है। उसको कांग्रेस शासित अन्य प्रदेशों में लागू कराने को लेकर भी इस हाइप्रोफाइल मीटिंग में मंथन हुआ।

सीएम बोले- कर्मचारियों का बुढ़ापा सुरक्षित रहेगा
सीएम गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि देश का संविधान खतरे में है। सरकार में फासीस्ट लोग है। देश ऐसे माहौल में जी रहा है। मीडिया दबाव में है। देश की जनता देख रही है। पुरानी पेंशन बहाली पर सीएम गहलोत ने कहा कि मानवीय दृष्टिकोण से फैसला लिया गया है।  बुढ़ापे में सरकारी कर्मचारी सुरक्षित रहे। सरकारी कर्मचारियों की भविष्य की चिंता नहीं रहे। इसलिए पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है। सीएम ने कहा कि यदि कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी सुरक्षित महसूस नहीं करेगा तो वह सरकार में अपना योगदान कैसे करेगा? मानवाधिकार आयोग ने भी टिप्पणी की है कि सरकार को अपने निर्णय पर विचार करना चाहिये। ज्यूडिशरी के पे कमीशन इसे नहीं मान रहे, डिफेंस वाले इससे पहले ही अलग किए जा चुके हैं। मानवाधिकार आयोग खुद ये कह रहा है ऐसी स्थिति में लोग दो वर्ग में बंट गए हैं। इन सबको देखते हुए हमारी सरकार ने सोच समझ कर निर्णय लिया है।

मोदी सरकार की नीति और नीयत को कठघरे में खड़ा किया
सीएम गहलोत ने प्रेस वार्ता में मोदी सरकार की नीति और नीयत को कटघरे में खड़ा किया। मोदी सरकार को फासीवादी करार दिया। सीएम ने कहा कि भाजपा को लोकतंत्र में यकीन नहीं है। संविधान में यकीन नहीं है। जिसके कारण देश के संविधान और लोकतंत्र को खतरा है। सीएम गहलोत ने दावा किया कि साहित्यकार, पत्रकार, लेखक सब दुखी हैं और मीडिया पर भी दबाव है।

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