भोपाल
विधानसभा का शीतकालीन सत्र 20 दिसम्बर से शुरू हो रहा है। इस सत्र में सवालों की गर्मी ज्यादा रहने वाली है, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस विधायकों के सवाल अधिक आक्रामक हैं। सर्वाधिक लिखित सवाल भी इन्हीं की तरफ से पूछे गए हैं। विधानसभा सचिवालय ने सभी सवाल राज्य सरकार को भेज दिए हैं। सरकारी महकमे इनके जवाब तैयार करने में जुटे हैं।
सत्ता हो या विपक्षी दल आदिवासी मुद्दा रहे हैं। इस सत्र में भी आदिवासियों की गूंज होने की संभावना है। इसमें आदिवासी वर्ग की अपेक्षा, आदिवासी अत्याचार, योजनाओं का लाभ न मिलना, आदिवासी वर्ग के लिए आई राशि की बंदरबांट से जुड़े सवालों पर कांग्रेस सदन में सरकार को घेरने की तैयारी में है। वहीं प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई भी मुद्दे होंगे। इन मुद्दों पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पूरी रणनीति से सरकार की घेराबंदी की तैयारी में है। विधायकों से कहा गया है कि वे इससे जुड़े मामले तथ्यों के साथ लाएं। स्मार्ट सिटी के नाम पर आई राशि में भ्रष्टाचार की बात कांग्रेस शुरू से ही कहती रही है, मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में समीक्षा बैठक में इसमें घोटाले की बात कह कर कांग्रेस के इन मुद्दों को हवा दी है।
1578 सवाल पहुंचे विधानसभा तक
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए इस बार 1578 लिखित सवाल विधायकों ने पूछे हैं। पिछली बार की तरह इस बार भी ऑनलाइन और ऑफ लाइन सवाल भेजने की व्यवस्था रही। विधायकों के ऑफ लाइन सवाल सबसे ज्यादा आए। इनकी संख्या 879 है, जबकि ऑनलाइन सवाल 699 ही आए। इन 1578 सवालों में कांग्रेस विधायकों की ओर से सर्वाधिक 1089 सवाल आए हैं।
विधायक दल की बैठक में बनेगी रणनीति
नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने शीतकालीन सत्र के एक दिन पहले यानी 19 दिसम्बर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है। विधायक दल की बैठक में सदन में सरकार को घेरने की रणनीति बनेगी।

