कानपुर
मनोरोग और फोरेंसिक मेडिसिन के विशेषज्ञों की बात अगर सच साबित हुई तो ट्रिपल मर्डर का आरोपित डॉ. सुशील अपने कारनामे देखने घटनास्थल पर लौटेगा। किसी वक्त रात के अंधेरे में आएगा। आशंका इस बात की भी है कि वह उसी स्थल पर आत्महत्या न कर ले। विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसी घटना को अंजाम देने वाले बेखौफ होते हैं। कुछ दिनों के लिए चले जाते हैं, दोबारा जरूर वापस होते हैं। यह केस साइकोसिस के ही वर्ग पैरानायड सिजोफ्रेनिया का रेयर ऑफ दि रेयरेस्ट केस है। जो साइकोटिक फेज तक पहुंच गया है। मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज सिंह का कहना है कि इस तरह के साइको किलर आमतौर पर उसी समय खुद को मार लेते हैं। एक फीसदी ऐसे केस मिलते हैं जो आत्महत्या के लिए दूसरी जगह चुनते हैं या आत्महत्या के स्ट्रोक से बच जाते हैं। ऐसी हालत में अगर वह जिंदा बचते हैं तो मौका-ए-वारदात पर लौटते जरूर हैं। यह देखने के लिए कि जो उन्होंने सोचा था वह काम हुआ या नहीं। इस मामले में 90 फीसदी संभावना है कि वह आत्महत्या से बच गया है।
उर्सला के काउंसलर संदीप सिंह का कहना है कि यह घटना यूरोपियन स्टाइल में अंजाम दी गई है। वहां भी इस तरह की कई घटनाएं हुईं। साइकोकिलर ने शिनाख्त या ऐसे सबूत नही छोड़े, जिससे जांच में मदद मिल सके। फोरेंसिक मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ. संदीप चौधरी का कहना है कि यूरोप के कई देशों में ऐसे कई केस रिपोर्ट हुए हैं जिसमें आरोपी घटनास्थल पर वापस आया है और पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कई बार लौटा है और फिर चला गया है या उसने घटनास्थल पर ही सुसाइड कर लिया। वारदात के बाद बस्ती से दूर निकल जाते हैं : विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे साइकोकिलर वारदात को अजाम देकर इंसानी बस्तियों से दूर निकल जाते हैं। जंगलों, पहाड़ों और नदियों का रुख कर लेते हैं। यदि तैराकी आती है तो वह डूबते नहीं हैं। डॉ. सुशील की तलाश अभी गंगा में हो रही है। पेशेवर गोताखोरों ने सैकड़ों फुट गहरे पानी में सैकड़ों गोते लगाए लेकिन कुछ पता नहीं चला। सर्विलांस लोकेशन की तलाश बेनतीजा निकली। पब्लिक पुलिसिंग से भी कोई नतीजा नहीं निकला है। साइकोटिक फेज में पैरानायड सिजोफ्रेनिया: मनोचिकित्सकों के मुताबिक बीमारी के इस फेज में व्यक्ति अचानक हिंसात्मक सोच का हो सकता और अचानक दूसरी जगह चला जाता है। भावनाओं, विचारों और मनोदशा शून्य हो जाती है। देखने, सुनने, महसूस करने या कुछ चीजों की गंध आएगी लेकिन वह वास्तविक नहीं होती हैं। भ्रम की स्थिति रहती है, अजीब चीजें महसूस होती हैं, जो बिल्कुल झूठी होती हैं।

