उज्जैन
खाद की कमी होने से किसान परेशान हैं. खाद के महंगे दामों में बिकने से किसानों को समस्या हो रही है. गेहूं व चना फसल की बुआई होने को है और इसके साथ ही खाद की कालाबाजारी की आशंका बढ़ गई है. जिले में ऐसी स्थिति निर्मित न हो और किसानों को पर्याप्त खाद मिलती रहे, इसके लिए सरकार सख्त कदम उठाने लगी है.
जिला प्रशासन ने धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिए हैं. खाद के ऊंचे दाम वसूल करने वाले व इसकी कालाबाजारी करने वाले अब इस आदेश के अंतर्गत कार्रवाई के दायरे में आएंगे. इसके अंतर्गत खाद का विक्रय पीओएस मशीन से ही करना होगा. मशीन में दर्शाई खाद की मात्रा का भौतिक रूप से भी मिलान होना अनिवार्य किया गया है.
इसके साथ ही उन सभी संस्थानों में जहां से खाद वितरित की जाती है या बेची जाती है, उनको रोज खाद का ओपनिंग स्टॉक व उसकी दर प्रदर्शित करनी होगी. इस आदेश के अंतर्गत किसानों को विभिन्न खादों का बिल देना अनिवार्य किया गया है. खाद का विक्रय हर हाल में पीओएस मशीन से ही करना होगा.
खास बात यह है कि आदेश का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई होगी. आदेश के अनुसार उल्लंघन करने वाले सेवा सहकारी समिति व निजी खाद विक्रेताओं के खिलाफ चोर बाजारी निवारण, आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम व धारा 188 आदि के तहत कार्रवाई की जाएगी. एसडीएम और कृषि विकास अधिकारी इस पूरी व्यवस्था की मॉनीटरिंग करेंगे.
गौरतलब है कि 2021-22 में बुआई का लक्ष्य ज्यादा कर दिया गया है. इस बार जिले में 3 लाख 90 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुआई करने का लक्ष्य है. इसके साथ ही 70 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में चना की बुआई करने की संभावना है। गेहूं और चना की बुआई के साथ ही खाद की मांग बढ़ने लगेगी.

