Sunday, December 21

जन्माष्टमी पर व्रत रखने वालों के लिए अहम नियम, जानें क्या करें और क्या न करें

जन्माष्टमी पर व्रत रखने वालों के लिए अहम नियम, जानें क्या करें और क्या न करें


जन्माष्टमी का व्रत हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. इस दिन को भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस विशेष दिन के लिए लोग लंबे समय से तैयारी करते हैं मंदिर को सजाते हैं और व्रत करते हैं.

साल 2025 में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत 16 अगस्त, शनिवार के दिन रखा जाएगा. भगवान श्री कृष्ण का जन्म द्वापर युग में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था.साल 2025 में भगवान श्री कृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा. जन्माष्टमी के दिन सही विधि से पूजा-अर्चना करने से ही शुभ फल की प्राप्ति होती है साथ ही जन्माष्टमी के दिन व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए.

जन्माष्टमी व्रत विधि

    इस दिन सुबह उठकर स्थान करें और श्री कृष्ण का नाम लेकर व्रत का संकल्प लें.
    इस दिन फल का सेवन कर सकते हैं.
    निशिता काल यानि रात को 12 बजे श्री कृष्ण के जन्म के बाद विधि-विधान से पूजा अर्चना करें.
    जन्म के बाद श्री कृष्ण को स्नान कराएं, नए वस्त्र पहनाएं.
    माखन, मिश्री, फल, तुलसी का भोग लगाएं.
    इसके बाद अपने व्रत का पारण करें.

जन्माष्टमी व्रत नियम

    व्रत के दिन अन्न का सेवन ना करें.
    इस दिन निर्जला व्रत रखें और चाहें तो फलाहार ले सकते हैं.
    इस दिन अगर आप व्रत नहीं भी कर रहे हैं तो सात्विक आहार लें. घर में प्याज-लहसुन ना बनाएं.
    इस दिन मांस मदिरा का सेवन ना करें.
    किसी से लड़ाई-झगड़ा ना करें और मन को पवित्र रखें.
    इस दिन घर में मंदिर को अच्छे से साफ करें और सजाएं
    इस दिन भगवान को नए और पीले वस्त्र पहनाएं.
    व्रत करने वालों को इस दिन अन्न, अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए.
    इस दिन दान का विशेष महत्व है.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *