गाजियाबाद
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर अगले साल मार्च में शुरू हो जाएगा। इसके बाद पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई गांव के बीच रैपिड रेल चलने लगेगी। यह खंड 17 किलोमीटर लंबा है। इसके 6 महीने बाद मुरादनगर से मेरठ के परतापुर तक रैपिड रेल चलाने की तैयारी है। तीसरा खंड इसके बाद साहिबाबाद से दिल्ली के बीच शुरू होगा। वर्ष 2025 में सबसे आखिरी में रैपिड रेल मेरठ शहर के अंदर चलने शुरू होगी।
एनसीआरटीसी के एमडी विनय कुमार सिंह ने बुधवार को रैपिड रेल परियोजना की प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि प्राथमिक खंड साहिबाबाद से दुहाई गांव तक सिविल का कार्य पूरा कर 90 फीसदी पूरा हो गया है। अगले दो माह में रेल के कोच आने शुरू हो जाएंगे, इनका निर्माण गुजरात में कराया जा रहा है। मई से ट्रायल का काम शुरू होने लगेगा। दिसंबर में फुल ट्रायल किया जाएगा। इसके हर छह माह बाद रैपिड रेल के सभी खंड एक-एक करके खोले जाएंगे। रैपिड रेल 5 से 10 मिनट के अंतराल में चलेंगी। रात में केवल 6 घंटे के लिए रैपिड रेल सेवा को बंद रखा जाएगा।
रैपिड रेल के कोच का मॉडल दिखाया गया
रैपिड रेल के कोच का मॉडल भी दिखाया गया। सभी कोच वातानुकूलित होंगे और उनमें सभी सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी। इन कोचों में वाई-फाई और चार्जिंग पॉइंट भी जगह-जगह पर दिए गए हैं। रैपिड रेल 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। ब्रेक लगाते समय ट्रेन में झटका भी नहीं लगेगा। ट्रेन संचालन का पूरा सिस्टम कंप्यूटराइज रहेगा। यदि कोच में सवारी नहीं है तो ऑटोमेटिक उसकी लाइट अपने आप बंद हो जाएंगी। रेन में कुल 6 कोच होंगे और महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित रहेगा। यह रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ तक 55 मिनट में पहुंच जाएगी। दिल्ली से मेरठ तक यह प्रोजेक्ट 82 किलोमीटर लंबा है।
रैपिड रेल में मरीजों के लिए भी खास इंतजाम
विनय कुमार ने बताया कि रैपिड रेल में मरीजों के लिए अलग से व्यवस्था रहेगी। मरीज स्ट्रैचर सहित रैपिड रेल में सफर कर सकेंगे। इसके लिए उनसे कोई अतिरिक्त किराया नहीं वसूला जाएगा।

